
Karwa Chauth Chand: करवा चौथ की शाम महिलाएं चांद को छलनी से देखती हैं। मगर क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है? अधिकतर लोगों को इससे जुड़ी बात पता नहीं है। हालांकि, करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) पर चांद को छलनी से देखना भले ही शुभ होता है मगर ये एक श्राप से जुड़ा मामला बताया जाता है। आज हम करवा चौथ के मौके पर चांद को देखने के रहस्य के बारे में जानेंगे।
करवा चौथ पर चांद को देखना बहुत महत्वपूर्ण है। करवाचौथ के दिन शाम को व्रत रखने वाली महिलाएं चांद को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद से छलनी से चांद को देखती हैं। ये करवा चौथ पूजा के लिए सबसे अहम बताया जाता है।
करवा चौथ पर चांद को छलनी से देखने के पीछे दो तरह की बातें कही जाती हैं। पौराणिक मान्यता ये है कि करवा चौथ पर चांद को छलनी से देखने से पति की उम्र लंबी होती है। मतलब कि छलनी के सैकड़ों छेद जितने, उतने ही वर्ष पति की भी आयु हो। इसी वजह से महिलाएं ऐसा करती हैं।
एक बात ये भी कही जाती है कि करवाचौथ पर चांद को छलनी से देखने की वजह चंद्रदेव को मिले एक शाप से जुड़ी है। पौराणिक कहानी की माने तो एक बार चंद्रदेव ने अपनी सुंदरता के अंहकार में भगवान गणेश के रंग-रूप का उपहास उड़ा दिया था। इस बात गणेश जी इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने गुस्से में शाप दिया था कि जो भी मानव चांद को सीधे आंख देखेगा, उस पर दोष लगेगा।
गणेश जी के शाप देने के बाद चंद्रदेव ने क्षमा याचना मांगी थी। इसके बाद गणेश जी ने इस शाप की अवधि केवल एक दिन के लिए कर दी थी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी चांद देखने से कंलक लगता है, जिसे कलंक चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं। लेकिन फिर भी लोगों के मन में भय घर कर गया और इसी कारण करवाचौथ की रात चांद को सीधी आंखों से कोई नहीं देखता। इसलिए छलनी के सहारे चांद को देखने की परंपरा है।
Published on:
20 Oct 2024 07:08 pm
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