
बड़ी खबर : बोरवेल में गिरा 6 साल का मयंक हार गया जिंदगी की जंग, 46 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
मध्य प्रदेश के रीवा जनेह थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले मनिका गांव में स्थित एक खेत के खुले बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम मयंक को एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से बाहर निकाल लिया है। हालांकि, अभी अभी जानकारी सामने आई है कि मयंक की सांसें थम चुकी हैं। त्यौंथर एसडीएम संजय कुमार जैन और कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मयंक की मौत की पुष्टि कर दी है। अब बच्चे का शव त्यौंथर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया गया है।
करीब 46 घंटे चले मयंक को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन दोपहर 12.30 बजे पूरा हुआ। लेकिन दुख की खबर ये सामने आई है कि तमाम कोशिशों के बावजूद नन्हे मयंक को नहीं बचाया जा सका। एनडीआरएफ समेत प्रशासन की कई रेस्क्यू टीमों की अथक मेहनत के बावजूद मयंक की जान जा चुकी है। मयंक की मौत की पुष्टि होते ही रेस्क्यू टीम के साथ साथ मयंक के परिवार समेत पूरे गांव में मातम सा छा गया है। मौके पर मौजूद मेडिकल दल के सदस्यों की मानें तो मयंक की मौत संभवत रात में हो गई होगी। हालांकि, इसकी स्पष्ट जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चल सकेगी।
दरअसल, रीवा जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर जनेह थाना इलाके के मनिका गांव में रहने वाले विजय कुमार आदिवासी का 6 साल का बेटा मयंक आदिवासी शुक्रवार शाम 4 बजे अपने घर के पास खेत में दोस्तों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान मयंक अचानक 70 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा था। परिजन ने तत्काल घटना की जानकारी पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही त्योंथर एसडीम संजय जैन तत्काल रेस्क्यू दल एवं पुलिस बल के साथ घटना स्तर पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। करीब 36 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिर कार मासूम मयंक को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तबतक उसकी जान जा चुकी थी।
Updated on:
14 Apr 2024 01:17 pm
Published on:
14 Apr 2024 10:20 am
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