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एमपी के इस विश्वविद्यालय में एलायड विषय के छात्रों के पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने की उम्मीद बढ़ी

प्रवेश परीक्षा के टलने पर बनी उम्मीद...

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रीवा

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Ajit Shukla

Jul 30, 2018

Allied subject students in Rewa's APS will get entry in PhD

Allied subject students in Rewa's APS will get entry in PhD

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया का टलना एलायड विषय के अभ्यर्थियों के लिए लकी साबित हो रहा है। प्रवेश प्रक्रिया से बाहर चल रहे इन अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद जग रही है। एलायड विषय के प्राध्यापकों व छात्रों की अपील पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने समिति का गठन कर निर्णय विमर्श लेने का आश्वासन दिया है।

कई विषयों की पढ़ाई हो जाएगी बंद
विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो यूटीडी के ही कुछ प्राध्यापकों और छात्रों ने कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव से पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में एलायड विषयों के छात्रों को शामिल करने की मांग की है। तर्क दिया है कि एलायड विषयों को प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया तो विश्वविद्यालय के कई विषय बंद हो जाएंगे।

दलील कि रेगुलेशन नहीं आ रहा है आड़े
कुलपति के समक्ष इस बात की भी दलील दी गई है कि यूजीसी का कोई भी रेगुलेशन इसमें आड़े नहीं आता है। बल्कि अभी हाल ही जारी शासन का गजट नोटिफिकेशन एलायड विषयों को उसके मूल विषय के प्राध्यापक के निर्देशन में शोध करने की व्यवस्था को सपोर्ट करता है।

लेटलतीफी का खामियाजा भुगतेंगे छात्र
विश्वविद्यालय के एलायड विषय के छात्र पहली बार पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किए गए हैं। अब तक यह छात्र मूल विषय के प्राध्यापकों के निर्देशन में शोध करते रहे हैं। छात्रों को प्रवेश से वंचित होने का खामियाजा सत्र के चल रहे लेटलतीफी के चलते भुगतना पड़ रहा है। दरअसल वर्तमान में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक के छात्र शामिल हो रहे हैं। जबकि यूजीसी का रेगुलेशन 2016 में आया है। विश्वविद्यालय में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया पूरे पांच सत्र पीछे चल रही है।

यूजीसी रेगुलेशन के हवाले बाहर हुआ है एलायड
पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया से एलायड विषय को विश्वविद्यालय के शोध संचालनायल से बाहर कर दिया है। संचालनालय की दलील है कि यूजीसी के 2016 रेगुलेशन के मुताबिक छात्र उसी विषय के प्राध्यापक के निर्देशन में शोध कर सकता है, जिस विषय में वह शोध करना चाहिए। किसी दूसरे विषय के प्राध्यापक को गाइड नहीं बनाया जा सकता है। चूंकि विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में एलायड विषय के प्राध्यापक नहीं हैं, इसलिए एलायड विषय को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है।