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एमपी के रीवा में गृहमंत्री अमित शाह ने बताए प्राकृतिक खेती के फायदे

mp news: अमित शाह ने कहा- अगर प्राकृतिक खेती का सही तरीका किसानों में ट्रांसफर हो जाए तो किसान ढाई गुना प्रगति कर सकते हैं।

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amit shah

amit shah (फोटो सोर्स- एमपी जनसंपर्क)

mp news: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार कोमध्यप्रदेश दौरे पर थे। शाह ने ग्वालियर में अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट और फिर रीवा में कृषक सम्मेलन में शिरकत की। रीवा में कृषक सम्मेलन के दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कहते हुए प्राकृतिक खेती के फायदे गिनाए। इसके साथ ही अमित शाह ने बताया कि वो खुद भी अपने खेतों में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। शाह ने प्राकृतिक खेती को फायदेमंद बताते हुए कहा कि अगर किसान प्राकृतिक खेती करे तो उत्पादन घटता नहीं बल्कि बढ़ता है और उसकी प्रगति होती है।

'प्राकृतिक खेती परंपरागत प्रयोग है'

कृषक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि- प्राकृतिक खेती परंपरागत प्रयोग है जिसे हम भूल गए हैं। एक देसी गाय के जरिए 21 एकड़ में खाद के बिना प्राकृतिक खेती होती है। गौ माता के गोबर और मूत्र से बनी जैविक खाद खेतों में होने वाली फसलों की पैदावार कम नहीं होने देती बल्कि बढ़ाती है। आज देश के 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। मैंने खुद मेरे खेत में प्राकृतिक खेती की है।

'पीएम मोदी ने किया प्राकृतिक खेती और अनाज को बढ़ावा देने का काम'

अमित शाह ने मंच से पीएम नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जब किसानों ने प्राकृतिक खेती शुरु की तो ये सवाल हुआ कि प्राकृतिक अनाज का सर्टिफिकेट कौन देगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती और प्राकृतिक अनाज को बढ़ावा देने का काम किया है। प्राकृतिक अनाज का सर्टिफिकेशन करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की सबसे आधुनिक लैब में कराने की व्यवस्था की है। देशभर में 400 से ज्यादा प्रयोगशालाएं किसानों को ये सर्टिफिकेट देंगी।

पीपल के पौधे लगाने का दिलाया संकल्प

अमित शाह ने इस दौरान बसामन मामा गो-वंश वन्य विहार, गोपालकों और किसानों की तारीफ की और कहा कि यहां गाय के गोबर से प्राकृतिक खेती हो रही है। ये एक एकड़ में सवा लाख की इनकम देने वाला प्रयोग है। अगर ये किसानों में ट्रांसफर हो जाए तो वे ढाई गुना प्रगति कर सकते हैं। शाह ने आगे कहा कि बसामन मामा गोवंश ग्राम में दो निदर्शन फार्म बने हैं। जिनका नाम बसामन मामा के नाम पर है। बसामन मामा ने पीपल के पेड़ों का संरक्षण किया इसलिए आईये हम सभी मिलकर संकल्प लें कि यहां से जाकर पीपल के 5-5 पौधे लगाएंगे और बसामन मामा को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।