23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अजब-गजब : 78 वर्ष के छात्र की ऐसी कहानी जो हौसला बढ़ाती है, यहां जानिए इस उम्र में पढ़ाई की वजह

जिम्मेदारियों की वजह से कालेज में पढऩे का अवसर नहीं मिला तो अब 78 वर्ष की उम्र में लिया दाखिला- एमए में लिया प्रवेश हर दिन कालेज के ड्रेस में आते हैं पढऩे- दूसरे छात्रों के लिए बने प्रेरणा, शिक्षक भी दे रहे सम्मान

3 min read
Google source verification

रीवा

image

Mrigendra Singh

Sep 06, 2019

rewa

Oldest student, 78 year old ayodhya singh studies in trs college rewa


मृगेन्द्र सिंह, रीवा। जब कालेज में पढऩे की उम्र थी तो परिवार की जिम्मेदारियां और आर्थिक संकट रुकावट बन गए। किसी तरह स्वाध्यायी छात्र के रूप में डिग्री ली। सरकारी नौकरी की, शिक्षक बनकर भावी पीढ़ी को तराशते रहे। निर्धारित आयु सीमा पूरी हुई तो सरकार ने सेवानिवृत्ति का आदेश देकर पेंशनर बना दिया।

अब परिवार की सभी जिम्मेदारियां पूरी हो चुकी हैं तो 78 वर्ष की उम्र में कालेज जाने की इ'छा पूरी करने के लिए कालेज में दाखिला ले लिया है। यह कहानी है रीवा जिले के डिहिया निवासी अयोध्या सिंह की। जो सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और बुढ़ापे में कालेज की ड्रेस में पढऩे के लिए आते हैं। अन्य छात्रों की तरह वह भी कक्षा में अनुशासित रूप से बैठते हैं और जो भी शिक्षकों द्वारा निर्देश मिलते हैं उन सबका पालन भी करते हैं। उनकी यह इ'छा सरकार के उस नियम के चलते पूरी हुई है, जिसमें उम्र की सीमा का बंधन समाप्त किया गया है। इसकी जानकारी अखबार में पढऩे के बाद उन्होंने सागर विश्वविद्यालय से अपने दस्तावेज जुटाए और प्रवेश लिया।


- पहले भी एमए की डिग्री ले चुके हैं
अयोध्या सिंह ने बताया कि वह स्वाध्यायी छात्र के रूप में 1973 में राजनीति शास्त्र से एमए किया था। मन में कालेज लाइफ जीने का बचपन से शौक था, लेकिन भाई की पढ़ाई की जिम्मेदारी और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते 1961 में शिक्षक की नौकरी कर ली। इसके बाद स्वाध्यायी छात्र के रूप में परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि टीआरएस कालेज ही उनका परीक्षा केन्द्र हुआ करता था। 43 साल तक शिक्षक रहने के बाद 2004 में रिटायरमेंट होने के बाद अब समाजशास्त्र से अध्ययन करने के लिए टीआरएस कालेज से एमए कर रहे हैं। वह नियमित छात्र की तरह पूरे यूनिफार्म में आते हैं।
- पत्नी के निधन के बाद से हो गए अकेले
रिटायर होने के बाद अयोध्या अपने गांव में खेती करना चाहते थे लेकिन दो वर्ष बाद ही पत्नी का निधन हो गया। एक बेटा उड़ीसा तो दूसरा इंदौर में अपना परिवार लेकर हैं। घर में अकेले हैं तो जीवन में अकेलापन भी भारी होने लगा है। इसलिए उन्होंने खुद को व्यस्त रखने और ज्ञान जुटाने की योजना बनाई। वर्तमान में उनकी दिनचर्या कालेज के उस छात्र की तरह ही है जो किराए के मकान में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करता है। वह सुबह उठते हैं और गाय के लिए भूसा-चारे का इंतजाम करने के बाद भोजन खुद बनाते हैं और खाने के बाद कालेज के लिए निकल पड़ते हैं। उनके जÓबे का ही कमाल है कि इस उम्र में भी वह मोटरसाइकिल चलाकर कालेज तक आते हैं।

MrigendraSingh IMAGE CREDIT: patrika

छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा ये हैं कालेज के गौरव
सामान्य छात्र की तरह हर दिन डे्रस में आने और अनुशासन में रहने के चलते अयोध्या सिंह का सम्मान शिक्षक एवं छात्र सभी करते हैं। टीआरएस कालेज की छात्रसंघ अध्यक्ष योगिता सिंह परिहार ने बताया कि ये हमारे कालेज के गौरव हैं। 78 वर्ष की उम्र में जिस तरह उन्होंने अनुशासन पेश किया है, वह अन्य कालेजों एवं छात्रों के लिए भी मिशाल है।
- शिक्षक दिवस पर हुआ सम्मान
कालेज के छात्रसंघ के साथ ही एनएसयूआई की ओर से शिक्षक दिवस के मौके पर एमए समाजशास्त्र के छात्र अयोध्या सिंह का सम्मान किया गया। छात्रसंघ अध्यक्ष के साथ एनएसयूआई के अनूप सिंह चंदेल, मंजुल त्रिपाठी, अभिषेक तिवारी सहित अन्य शामिल रहे।
--

78 वर्ष की उम्र में छात्र के सभी आचरण प्रस्तुत कर अयोध्या सिंह ने आदर्श पेश किया है। वह नियमित आते हैं और पूरे ड्रेस में रहते हैं। पढ़ाने के समय तो छात्र की तरह ही हम व्यवहार करते हैं लेकिन कक्षा के बाहर बुजुर्ग की हैसियत से उनका सम्मान भी करते हैं। नैक मूल्यांकन की टीम भी उनसे प्रभावित हुई थी, इनकी वजह से कालेज का नाम रोशन होगा।
महेश शुक्ला, प्रोफेसर समाजशास्त्र टीआरएस कालेज