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रीवा के विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ हो रहा बड़ा धोखा, बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे छात्र

- डिग्री के लिए विश्वविद्यालय तक छात्रों को आना पड़ रहा है  

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रीवा

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Mrigendra Singh

Dec 26, 2019

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रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में छात्रों की डिग्रियां कई वर्षों से विश्वविद्यालय में डंप हैं। जिन्हें प्रदान की जानी थी अब तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। प्रबंधन की उदासीनता की वजह से छात्र डिग्रियों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हर बार दीक्षांत समारोह के दौरान संबंधित छात्रों को डिग्री देने के लिए विश्वविद्यालय पंजीयन कराता है, बकायदे इसके लिए शुल्क भी जमा कराया जाता है।

कुछ को तो मुख्य अतिथि के हाथों से डिग्रियां दिलवाई जाती हैं लेकिन अधिकांश कार्यक्रमों में पहुंच ही नहीं पाते हैं। ऐसे लोगों को उनके पते पर डाक से डिग्री भिजवाने का भी नियम है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर विचार ही नहीं किया। लगातार चल रही इस मनमानी पूर्व के कुलपति की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया गया और न ही वर्तमान कुलपति ने भी इसकी जानकारी चाही।

अब आगामी 28 जनवरी को फिर से दीक्षांत समारोह का आयोजन होने जा रहा है। ऐसे में पुरानी डिग्रियां नहीं बांटे जाने का मामला भी सामने आया है। जानकारी मिली है कि कुलपति केदारनाथ यादव के कार्यकाल में तीन दीक्षांत समारोह हुए जिनमें क्रमश: ६७, ५४, ३९ डिग्रियां नहीं बंट पाई हैं। इसी तरह इनके कार्यकाल के पहले की १७३ डिग्रियां हैं जिन्हें संबंधित छात्रों तक पहुंचाना है।
- गलत पते पर भेजी कुछ डिग्रियां वापस लौटी तो रुकी प्रक्रिया
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पूर्व की करीब दो दर्जन से अधिक डिग्रियां संबंधित के घर तक पहुंचाने के लिए डाक से भेजी गई थी। इसमें दस डिग्रियां वापस लौट आईं क्योंकि उनमें गलत पता लिखा गया था। इसके बाद से दोबारा प्रयास ही नहीं किया गया और लगातार डिग्रियां डंप होती रहीं। कुछ छात्र इन्हें लेने के लिए विश्वविद्यालय तक आए भी जिन्हें एक दिन में उपलब्ध कराने के बजाय, कई दिनों तक भटकाया भी गया। बताया जा रहा है कि कुछ छात्र दूसरे राज्यों में निवास कर रहे हैं, डिग्री लेने के लिए विश्वविद्यालय तक पहुंचने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- सामान्य डिग्री के नहीं ले रहे आवेदन
छात्रों को सामान्य तौर डिग्री देने के लिए जो आवेदन लिया जाना चाहिए, वह इनदिनों विश्वविद्यालय में नहीं लिए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि डिग्री बनाने के लिए कर्मचारियों की कमी है। इसलिए तत्काल में आवेदन जमा कराया जा रहा है। जिसके लिए छात्रों को दोगुना शुल्क जमा करना होता है। तत्काल पर डिग्री तो उसी दिन या फिर एक दिन के बाद उपलब्ध करा दी जाती है लेकिन सामान्य शुल्क जमा करने वालों के महीनों से आवेदन पड़े हैं। जिन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
- नए दीक्षांत समारोह की शुरू हो गई तैयारियां
विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके लिए कुलपति ने सभी प्रोफेसरों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंप दी है। इस बार भी डिग्री प्रदान करने के लिए पंजीयन किया जाएगा। आगामी 28 जनवरी को यह कार्यक्रम होना है, जिसमें राज्यपाल लालजी टंडन आएंगे। कुलपति ने जो कमेटियां गठित की हैं, उनके संयोजकों ने अपना कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।