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विश्वविद्यालय में पीएचडी की आरडीसी में मनमानी, सैकड़ों शोधार्थी अधर में

- शोध पत्र जमा करने के साथ सारी औपचारिकताएं पूरी फिर भी प्रबंधन तय नहीं कर पा रहा आडीसी की तिथि- कोरोना संक्रमण की वजह से आनलाइन आरडीसी व्यवस्था का भी है निर्देश

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रीवा

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Mrigendra Singh

Nov 21, 2020


रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में शोध छात्रों को जो सुविधाएं दी जानी चाहिए वह नहीं मिल पा रही हैं। जिन शोधार्थियों ने अपना काम पूरा कर लिया है उन्हें अब आरडीसी की बैठक कर इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। इसके लिए शोधार्थियों की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से अनदेखा किया जा रहा है।

प्रबंधन की ओर से कोई ठोस वजह भी शोधार्थियों को नहीं बताई जा रही है, जिस कारण वह लगातार भटक रहे हैं। कोरोना काल की वजह से बाहर के छात्रों को आने-जाने में समस्याएं हो रही हैं। शोधार्थियों ने अपना शोध पत्र जमा कर दिया है, अधिकांश का परीक्षण भी महीनों पहले ही हो चुका है। अब इंटरव्यू कराना है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही की वजह से वह नहीं हो पा रहा है।

शोधार्थियों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव लालसाहब सिंह को दी गई है। वह शोधार्थियों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं होते। उनकी ओर से कुलसचिव के पास भेजा जाता है और कुलसचिव भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर फिर वापस कर देते हैं। शोधार्थियों की समस्याएं सुनने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस फोरम भी नहीं बनाया है। जिससे परेशानी बढ़ती जा रही है।
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- कुलपति के निर्देशों की अनदेखी
कुछ दिन पहले ही कई शोधार्थियों ने कुलपति से भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। जिन्होंने इस समस्या को गंभीरता से सुना और जिम्मेदारों को इंटरव्यू की व्यवस्था कराने के लिए निर्देशित भी किया। इसके बावजूद अब तक संबंधितों को कोई सूचना नहीं दी गई है। इसलिए अब फिर से इसकी शिकायत उच्च स्तर पर किए जाने की तैयारी शोधार्थियों की ओर से की जा रही है।
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-- आनलाइन इंटरव्यू के निर्देश फिर भी व्यवस्था नहीं
कोरोना संक्रमण की वजह से विश्वविद्यालय ने पूर्व में यह अधिसूचना जारी किया था कि सभी को एक साथ विश्वविद्यालय में इंटरव्यू के दौरान उपस्थित नहीं होना होगा। ऐसे में जिन शोधार्थियों का इंटरव्यू होना है उन्हें सहजता के साथ इंटरव्यू में आमंत्रित किया जा सकता था। जानकारी मिली है कि करीब चार सौ की संख्या में ऐसे शोधार्थी हैं जिनका इंटरव्यू नहीं हो सका है।
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इधर रजिस्ट्रेशन की तकनीकी त्रुटियों ने बढ़ाई मुश्किल
विश्वविद्यालय में पीएचडी के कार्यों को लेकर उदासीन रवैया अपनाए जाने से हर काम में मुश्किलें आ रही हैं। इनदिनों पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। आगामी 30 नवंबर तक इसकी तिथि निर्धारित की गई है। नेट और एमफिल के बाद पीएचडी का रजिस्ट्रेशन कराने वालों के लिए समस्या उत्पन्न हो रही है। आनलाइन पोर्टल पर इनका रोलनंबर मांगा जा रहा है। विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी इंट्रेस का कोई रोलनंबर इन्हें आवंटित नहीं किया गया है। इन्हें सीधे रजिस्ट्रेशन कराने की छूट दी गई है। इस वजह से रजिस्ट्रेशन नहीं होने से परेशान हो रहे हैं। जानकारी मिली है कि एकेडमिक विभाग को रजिस्ट्रेशन एवं अन्य कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जहां से छात्रों को किसी तरह की सहायता नहीं मिल पा रही है।