MP ELECTION 2023 पूर्व विधायक ने वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए भाजपा से दिया इस्तीफा।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले दल बदल का सिलसिला जारी है। रूठने-मनाने का दौर भी जारी है, इसी बीच मध्यप्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यहां ये भी बता दें कि अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा जो कि पूर्व विधायक हैं करीब दो महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे और अब एक बार फिर अभय मिश्रा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
विंध्य में भाजपा को बड़ा झटका
विंध्य इलाके में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में अभय मिश्रा ने भाजपा पर वादा खिलाफी के आरोप लगाए हैं। बता दें कि पूर्व विधायक नीलम मिश्रा और अभय मिश्रा पति पत्नी हैं। अभय मिश्रा रीवा जिले की सेमरिया सीट से साल 2008 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। वहीं उनकी पत्नी नीलम मिश्रा भी सेमरिया सीट से ही साल 2013 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुनी गई थीं। लेकिन करीब 5 साल पहले अभय मिश्रा ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था जिसके बाद नीलम मिश्रा ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दोनों कांग्रेस में चले गए थे जिसके बाद एक बार फिर दोनों करीब दो महीने अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा दोनों ने भाजपा में घर वापसी कर ली थी।
इस्तीफे में ये लिखा..
अभय मिश्रा ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए अपने इस्तीफे में लिखा है- मुझे भाजपा ज्वाइन करते वक्त जो पार्टी ने वादा किया था उसमें मुझे वादाखिलाफी नजर आ रही है और मेरी पत्नी नीलम मिश्रा भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। सेमरिया की जनता मुझे ही बतौर प्रत्याशी देखना चाहती है और वो भी कांग्रेस पार्टी से। क्षेत्र की जनता ने पूर्ण रूप से कांग्रेस को वोट देने का मन बना लिया है और कांग्रेस से सक्षम प्रत्याशी के रूप में मुझे मान रही है और मुझ पर दबाव बना रही है। जनता चाहती है कि मैं भाजपा से इस्तीफे देकर कांग्रेस में आ जाऊं और पंजे के निशान पर चुनाव लड़ूं। कमलनाथ ने भी मुझे पार्टी छोड़ने से पहले सकारात्मक संकेत दिए थे लेकिन मैंने गुस्से में निर्णय ले लिया और पार्टी छोड़ दी। भाजपा ज्वाइन करते वक्त पार्टी के शीर्ष नेता ने हाथ में जल लेकर मुझे वचन दिया था कि कि केपी त्रिपाठी को टिकट नहीं देंगे लेकिन मुझे समय रहते जानकारी मिली है कि राजेन्द्र शुक्ल के प्रभाव में केपी त्रिपाठी को टिकट देने का निर्णय लिया गया है इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
अभय मिश्रा से पत्रिका रिपोर्टर की खास बातचीत