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रीवा। जलसंसाधन विभाग के बहुचर्चित बाणसागर घोटाले में विशेष न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय करते हुए सुनवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस मामले की जांच इओडब्ल्यू की ओर से की जा रही है। करीब आठ साल पहले इस मामले में इओडब्ल्यू ने चालान कोर्ट में प्रस्तुत किया था।
आरोपियों की संख्या अधिक होने की वजह से पूरक चालान भी पेश किए गए। सभी दस्तावेजों पर संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायालय ने आरोप तय किया है। करीब 1250 करोड़ रुपए के घोटाले का इसमें अनुमान लगाया गया है। आरोपियों की संख्या 40 बताई गई है, जिसमें जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभाग को सामग्री सप्लाई करने वाले फर्मों के संचालकों का नाम शामिल है।
कई अधिकारी वर्षों पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके अधिवक्ताओं की ओर से लगातार उम्र का हवाला देकर कोर्ट से राहत की गुहार लगा रहे हैं। जिला अभियोजन कार्यालय के मीडिया प्रभारी अफजल खान ने बताया कि विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित द्वारा आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए गए हैं।
जिसमें जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रहे बीके त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारियों ने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया था। जिस पर वर्ष 2012 में इओडब्ल्यू ने चालान पेश किया था। इसके बाद सात पूरक चालान भी पेश किए गए थे। आरोप तय होने के बाद अब गवाहों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। जानकारी मिली है कि कई आरोपियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति शासन की ओर से नहीं दी गई है, जिसकी वजह से उन पर अभी आरोप तय नहीं हुए हैं।
- 17 वर्षों से चल रही घोटाले की जांच
बाणसागर घोटाले की जांच इओडब्ल्यू द्वारा करीब 17 वर्षों से अधिक समय से की जा रही है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2004 में शिकायत की गई थी। जिस पर पहले लंबे समय तक शिकायत की तफ्तीश कराई गई और 22 सितंबर 2008 को भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 406, 409, 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान कुछ धाराएं आरोपियों पर बढ़ाई भी गई हैं। बताया गया है कि भ्रष्टाचार की जांच वर्ष 2004 से 2008 के बीच किए गए कार्यों और भुगतान पर फोकस की गई है। जांच एजेंसी पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं, इसलिए भोपाल, जबलपुर एवं रीवा इकाइयों को अलग-अलग समय पर इओडब्ल्यू की ओर से जांच दी जाती रही है।
- इन पर तय हुए हैं आरोप
जलसंसाधन के अधिकारी- तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता पीसी महोबिया, एसके पाठक, सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री अनुपम कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री पार्थ भट्टाचार्य, एलएम सिंह, रवि प्रसाद खरे, केसी राठौर, एमपी चतुर्वेदी, बीपी रावत, जयविंद सिंह परिहार एवं उपभोक्ता सहकारी भंडार के तत्कालीन सीइओ रामदिनेश त्रिपाठी आदि शामिल हैं।
फर्मों के संचालक- गुलाबदास अग्रवाल सतना, राजेश नारायण दर उर्रहट रीवा, विश्वनाथ मिश्रा रीवा, राजकुमार पटेल छत्रपति नगर रीवा, गुलाब प्रसाद पटेल बाणसागर कालोनी रीवा, चंद्रधर सिंह किला रोड रीवा, अभिषेक मदान, गुलाम अहमद, ओमप्रकाश अरोरा ग्वालियर, श्यामकुमार मदान हरपालपुर, बृजेश कुमार सिंह रीवा, सुरेश खंडेलिया शहडोल, सुरेश मदान हरपालपुर, प्रवेश मदान, किरण मदान हरपालपुर, राजकुमार अग्रवाल द्वारिका नगर, अनीता अग्रवाल, अर्जुन नगर रीवा, रमेश कुमार गुप्ता कोठी रोड रीवा, संजय मंधाना छिंदवाड़ा, मदनमोहन मुदड़ा इंदौर, माया यादव, उर्मिला तिवारी रीवा, संजय कछवाह चुरहट, राजेश महाजन इंदौर, एनके अग्रवाल, सुभाषचंद्र थापर रीवा, शशिभूषण अग्रवाल रीवा, बृजेश सिंह आदि।
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Published on:
06 Feb 2021 11:53 am
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