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एक हजार रुपए में एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर जारी कर दिया जाति प्रमाण-पत्र

दंपति ने डिजिटल प्रमाण पत्र मांगा तो दो हजार रुपए की कर दी डिमांड, शिकायत पर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश, एफआईआर दर्ज

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Rajendra Gaharwar

Jul 18, 2017

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रीवा.
हुजूर एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर पर जाति, निवास प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं। सोमवार को कलेक्टर से शिकायत पर यह मामला प्रकाश में आया है। कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने जांच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।


एसडीएम हुजूर ने प्रारंभिक जांच की तो प्रमाण-पत्र में किए गए हस्ताक्षर फर्जी पाया गया। एसडीएम ने शिकायतकर्ता दंपति जावेदन खान और नेहा बेगम के बयान दर्ज कर आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।


एसडीएम ने बताया कि घोघर निवासी (वार्ड-34) जावेद खान और पत्नी नेहा बेगम अपने चार वर्षीया बेटी निश्वाथ का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए कलेक्ट्रेट आए थे। परिसर में दंपति को घोघर का आशिफ खान (सोनू) मिला। आशिफ ने कहा, मुझे एक हजार रुपए दे दीजिए मैं दो दिन में प्रमाण-पत्र बनवाकर घर पहुंचा दूंगा। जावेद ने आशिफ को एक हजार रुपए दे दिया। दो दिन बाद वह गुलाबी रंग में जाति प्रमाण-पत्र दे दिया।


शिक्षक ने कहा, यह बंद हो गया है

जिले स्कूल लेकर गए तो शिक्षकों ने बताया कि इस तरह का प्रमाण-पत्र बंद हो गया है। अब डिजिटल देना होगा। जावेद ने आशिफ से मिलकर बताया कि ये तो फर्जी जाति प्रमाण-पत्र है, डिजिटल बनवाकर दो। इस पर आशिफ ने दो हजार रुपए की मांग की। दोबारा पैसे मांगने पर दंपति ने शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर फौरन एसडीएम को बुलाकर प्रमाण-पत्र की तस्दीक कराया तो फर्जी निकला।

सील लगाकर जारी किया प्रमाण-पत्र

एसडीएम ने बताया कि आरोपी ने बकायदे हस्ताक्षर के साथ ही गोल मुहर लगाकर गुलाबी रंग का जाति प्रमाण-पत्र जारी किया है। पहले इसी तरह का प्रमाण-पत्र जारी किया जाता था।

कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर का भी आ चुका है मामला

कलेक्ट्रेट की स्थापना शाखा में छह माह पहले तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन के हस्ताक्षर पर 21 कर्मचारियों के फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आ चुका है। स्थापना शाखा में नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचा तो कलेक्टर ने कार्यालय में पुलिस बुलाकर जेल भेज दिया था।

लंबे समय से चल रहा खेल

कलेक्ट्रेट परिसर में लंबे समय से लोक सेवा गारंटी केन्द्र से लेकर तहसील कार्यालयों में फर्जी दस्तावेज जारी करने का खेल चल रहा हे। दंपति की शिकायत पर मामला सामने आया गया है। इस तरह के कई दलाल सक्रिय हैं, इसमें कार्यालय के बाबुओं की भी सांठ-गांठ रहती है।

केस दर्ज कराया है

एसडीएम हुजूर केपी पांडेय का कहना है कि जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत कलेक्टर के पास पहुंची थी। जांच में पाया गया कि फर्जी हस्ताक्षर पर जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। दंपति का बयान दर्ज कर आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया गया है।