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जानिए किसे मिलेगा फसल ऋण माफी योजना का लाभ और कौन होंगे बाहर

फसल ऋण माफी योजना को लेकर जमीनी स्तर पर शुरू हुई कसरत, डीडीए ने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों की ली बैठक , योजना के क्रियान्वयन को लेकर दी समझाइश

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रीवा

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Vedmani Dwivedi

Jan 08, 2019

chief ministers crop loan waiver scheme

chief ministers crop loan waiver scheme

रीवा. मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना को लेकर जमीनी स्तर पर कसरत शुरू हो गई है। मंगलवार को उपसंचालक कृषि कल्याण रीवा एसके माहोर ने इसी संबंध में जिले भर के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें ऋण माफी योजना की बारीकियों को समझाया और इस पर काम करने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना पर प्रदेश सरकार प्रमुखता से काम कर रही है। ऐसे में निश्चित समय सीमा में इसके क्रियान्वयन के प्रयास किए जा रहे हैं। डीडीए ने सभी एसएडीओ को निर्देश दिए कि किसानों की आवेदन फार्म भरने में वे उनकी मदद करें। जिससे पात्र किसान इस योजना का लाभ लेने से छूट न पाए। किसानों तक आवेदन फार्म पहुंचाने व उनको भरवाने की जिम्मेदारी एसएडीओ की होगी।

ये नहीं होंगे पात्र
बैठक में बताया गया कि बहुत से शासकीय कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो गए हैं वे किसानी का कार्य कर रहे हैं। उनकी पेंशन भी काफी ज्यादा है। प्रतिमाह 15 हजार से ज्यादा पेंशन पा रहे हैं। ऐसे लोग इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं। इसमें भूतपूर्व सैनिकों को राहत दी गई है। इसी प्रकार जनप्रतिनिधि भी पात्र नहीं होंगे।

वर्तमान एवं भूतपूर्व सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के अध्यक्ष, महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार के निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष उपाध्यक्ष इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके साथ ही समस्त आयकर दाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी, कर्मचारी तथा इनके निगम, मण्डल, अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों को इसकी पात्रता नहीं होगी। जीएसटी में 12 दिसंबर 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म संचालक, फर्म के भागीदार इस योजना से बाहर रहेंगे।

इस प्रकार होगी प्रक्रिया
बताया कि एमपी ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। किसानों को ऑफ लाइन आवेदन करना होगा। बैंक खातों को आधार से लिंक कराना होगा। जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति एवं डीएलसीसी में भुगतान योग्य सूचियों को स्वीकृत करेगी। जिले का मांगपत्र तैयार कर कलेक्टर संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को निर्धारित प्रपत्र में भेजेंगे। एक अप्रैल 2007 से 12 दिसंबर 2018 की स्थिति में दो लाख रुपए की सीमा तक इसके दायरे में आएंगे।