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मांग पूरी नहीं होने से कर्मचारियों में फूटा आक्रोश, जबरन कुलपति के चेंबर में घुसे, जानिए फिर क्या हुआ

पिछले कई महीनों से अधर में लटकी है मांग...

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रीवा

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Ajit Shukla

Jul 04, 2018

Employees start strike on demand in APSU Rewa, VC shocked

Employees start strike on demand in APSU Rewa, VC shocked

रीवा। रोज की तरह मंगलवार को भी कर्मचारी विश्वविद्यालय पहुंचे तो लेकिन सीधे काम पर जाने की बजाय गेट पर ही धरने पर बैठ गए। पहले विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। उसके बाद काम पर लौटे।

कुलपति व कुलसचिव का किया घेराव
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को कर्मचारियों ने एक घंटे कार्य का बहिष्कार किया। प्रशासनिक भवन में एकत्र कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जाहिर करते हुए कुलसचिव व कुलपति का घेराव किया। सुबह करीब 11 बजे शुरू कर्मचारियों का प्रदर्शन करीब डेढ़ बजे तक चला।

डेढ़ घंटे तक किया धरना प्रदर्शन
डेढ़ घंटे तक धरना प्रदर्शन के बाद कर्मचारी इस चेतावनी के साथ काम पर लौट गए कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होती है। रोज इसी प्रकार एक घंटे का कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन से पहले कर्मचारियों की आमसभा की बैठक हुई। इसमें कर्मचारी संघ के पदाधिकारी बुद्धसेन पटेल, डॉ. कृष्णेंद्र कुमार मिश्रा, रामसुजान साकेत, धर्मेंद्र रावत व आनंद बहादुर सिंह सहित अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

कुलपति ने बुलाई आपात बैठक
कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन के बाद कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने तत्काल प्रभाव से अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की गई। अधिकारियों के साथ बैठक में खासतौर पर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी बनाने की मांग पर चर्चा की गई। सूत्रों की माने तो कर्मचारियों की यह मांग जल्द ही पूरी हो जाएगी। बाकी की मांगों पर अधिकारी अभी अंतिम निर्णय नहीं ले सके हैं।

छात्रों को करना पड़ा दो घंटे तक इंतजार
कर्मचारियों के एक घंटे के कार्य बहिष्कार के चलते विभिन्न कार्यों को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे छात्रों को करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। दरअसल कर्मचारियों का बहिष्कार तो केवल एक घंटे का रहा लेकिन काम लौटते और शुरू करते करीब दो घंटे बीत गए। बाद में भी अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच बातचीत का दौर जारी रहा। जिससे कई सेक्शन में कर्मचारी अपनी सीट पर नहीं बैठे।