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कोरोना संक्रमितों की सेवा करते-करते खुद आया चपेट में, बीत गए तीन महीने से ज्यादा नहीं हुआ सुधार

-कृत्रिम सांस के सहारे चल रहा जीवन-दो करोड़ खर्च, अभी इतनी ही रकम की जरूरत-बेटे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

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रीवा

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Ajay Chaturvedi

Aug 24, 2021

कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक फोटो)

कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक फोटो)

रीवा. जिले के रकरी गांव निवासी प्रगतिशील किसान धर्मजय सिंह पिछले तीन महीने से कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। हालत नाजुक बनी हुई है। इलाज पर अब तक दो करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है। अभी इतनी रकम की दरकार है। ऐसे में किसान के बेटे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण जब पीक पर था तो धर्मजय तरह-तरह से पीड़ितों की सेवा में जुटे थे। उसी दौरान वह खुद भी संक्रमित हो गए। ऐसे में उन्हें 30 अप्रैल को रीवा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोरोना के लक्षण होने पर जांच कराई गई जिसकी रिपोर्ट 2 मई को मिली जो पॉजिटिव निकली, तब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जांच में पता चला कि उनका फेफड़ा 95 प्रतिशत तक संक्रमित हो गया है। इसके चलते उन्हें 18 मई को एयर एंबुलेंस से इकमो मशीन की सहायता से चेन्नई के तमिलनाडु स्थित अपोलो (मेन) हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां इकमो मशीन से उन्हें कृत्रिम सांस दी जा रही है।

लेकिन अब तक स्वस्थ नहीं हो पाए हैं। प्रगतिशील किसान यूं तो संपन्न परिवार से जुड़े हैं लेकिन जिस तरह से कोरोना के इलाज में पैसा पानी की तरह बह रहा है उसके चलते अब संकट आन पड़ी है। ऐसे में धर्मजय के बेटे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर इलाज में 50 फीसद की छूट का निवेदन किया है।

बता दें कि धर्मजय सिंह को इसी गणतंत्र दिवस पर रीवा के एसएएफ मैदान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया था। जानकारी के मुताबिक धर्मजय ने खेती-किसानी में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने अपने खेतों में स्ट्राबेरी तैयार किया है। गुलाब की खेती भी व्यापक स्तर पर शुरू की इसी के चलते उन्हें सम्मानित किया गया।