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न बच्चों की सुरक्षा की चिंता न कार्रवाई का डर

5 सीटर ऑटो, 25 स्कूली बच्चे लेकर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं

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Fear of not safety of children

Fear of not safety of children

रीवा. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सब बेफ्रिक है। रोजाना जानवरों की तरह ऑटो में स्कूल ले जाने वाले चालकों को बच्चो की न सुरक्षा को लेकर चिंता है और न कार्रवाई का डर। यही कारण है कि शहर की सड़कों में 5 सीटर ऑटो में 25 बच्चों को लेकर दौड़ रहे है। आश्चर्य तो यह है कि यह नजारा देखकर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी अपनी आंखे फेर लेते है। वहीं अभिभावकों के पास कोई विकल्प नहीं है। परिणाम स्वरुप वह रोजाना बच्चों की जान जोखिम में डालकर स्कूल भेज रहे है। पिछले साल हादसों के बाद भी स्कूल प्रबंधन व प्रशासन का गैरजिम्मेदराना रवैया बरकरार है।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 16 सुरक्षा मापदंड निर्धारित कर इसका पालन सख्ती से कराने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी प्रदेश में स्कूली वाहनों की मनमानी चल रही है और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। स्थित है कि शहर में आधा दर्जन से अधिक बड़ी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में 3 सौ से अधिक ऑटो में प्रतिदिन बच्चे स्कूल जाते है।

अभिभावकों से सुरक्षा एवं बेहतर संसाधन के नाम मनमानी शुल्क वसूल करने वाले स्कूलों के पास स्वंय का स्कूली वाहन नहीं है। परिणाम स्वरुप अभिभावक बच्चों को स्कूल ऑटो या फिर वैन में भेजते है। यह वाहन चालक एक ऑटो में कम से कम पच्चीस बच्चे बैठाते है। जबकि इन ऑटो में छोटे बच्चों के लिए पांच एवं बड़े बच्चों के लिए तीन सीट निर्धारित की गई है।

फिर भी मान्यता बरकरार
बताया जा रहा है कि सीबीएसइ की मान्यता शर्तों के अनुसार संचालित निजी विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुसार 25 फीसदी छात्रों के लिए स्कूल में वाहन होना अनिवार्य है। लेकिन इसके बावजूद शहर में 12 बड़े स्कूल है, जिनमें से आठ विद्यालयों में एक भी वाहन उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद इन पर कोई कार्र्रवाई नहीं हो रही है।

छह महीने से नहीं हुई बैठक
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। लेकिन इस समिति की बैठक पिछले छह महीनों से नहीं हुई। जिला स्तरीय समिति के सदस्यों को स्कूल में चल रहे वाहनों का निरीक्षण करना है। साथ ही उसमें उपलब्ध संसाधनों की जांच कर रिपोर्ट करनी है। इसका सचिव जिला शिक्षा अधिकारी को बनाया गया है।

अभियान भी बेअसर
हाइकोर्ट ग्वालियर ने परिवहन विभाग को अवैध रुप से चल रहे स्कूली वाहन वैन एवं ऑटो पर क ड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में परिवहन आयुक्त ने भी दिशा निर्देश जारी किया है। लेकिन इसके बावजूद भी स्थित यह है कि ऑटो चालक अपने बगल में स्कूली बच्चों को बैठाकर शहर की सड़कों में चल रहे हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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यह सही है कि स्कूली बच्चों को ओवरलोड लेकर बड़ी संख्या में ऑटो शहर में चल रहे है। अब इनके विरुद्ध भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। स्क्ूली वाहन के रुप में पंजीकृत वाहनों पर बच्चों को स्कूल ले जाने की छूट दी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मनीष त्रिपाठी आरटीओ रीवा