
Digital Arrest
Digital Arrest : मऊगंज जिले में डिजिटल अरेस्ट की शिकार शिक्षिका ने घबराकर जहर खा लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। ‘डिजिटल अरेस्ट’(Digital Arrest) करने के बाद साइबर ठग उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे। घुरेहटा गांव के पन्नी हाई स्कूल की अतिथि शिक्षिका रेशमा पांडेय रविवार को कॉल रिसीव करने के बाद साइबर ठगों के जाल में फंस गईं थीं। पुलिस अफसर बनकर बदमाशों ने उन्हें पार्सल रिसीव न करने पर चोरी का केस करने की धमकी दी। ठगों ने रेशमा से कानूनी परेशानी से बचने के लिए 50 हजार रुपए मांगे।
डर से रेशमा ने 22 हजार रुपए ट्रांसफर भी कर दिए। बावजूद इसके बदमाशों ने उन्हें गिरफ्तार कर रखा और पूरी रकम देने का दबाव बनाते रहे। रेशमा के पास और पैसे नहीं थे। धमकियों से घबराकर उन्होंने घर में रखा कीटनाशक पी लिया। गंभीर हालत में अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई।
ठगों (Digital Arrest)ने शिक्षिका रेशमा को दो वीडियो भेजे। पहला 29 और दूसरा वीडियो 49 सेकंड का था। उसमें ठग पुलिस-सेना के अधिकारी बनकर महिला को डरा रहे थे। एफआइआर की धमकी देते हुए जेल भेजने को कहा। सायरन वाले ऑडियो भेजे और जल्द पैसा नहीं डालने पर पुलिस टीम के पहुंचने की बात कही।
ग्वालियर में बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के इंस्पेक्टर को सायबर ठगों ने 29 दिन तक डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) में रखा। जेल की धमकी दी और 71 लाख रुपए ऐंठ लिए। टेकनपुर निवासी बसार अहमद ने ग्वालियर पुलिस से शिकायत की है। ठगों ने उन्हें 3 दिसंबर को कॉल कर उनके नाम की सिम से मनी लॉड्रिंग के आरोप लगाए। मुंबई सायबर सेल की पहचान बताई और पूरा माह इशारों पर नचाया। इस बीच मानसिक रूप से प्रताड़ित सेना के अफसर से केस रफा-दफा करने पहले 15 लाख फिर धमकाकर 70 लाख 29 हजार 990 रुपए लूट लिए। बीएसएफ अफसर ने ठगों को रुपए देने फ्लैट-जमीन तक बेच दी। इस बीच बेटे को भनक लगने के बाद सायबर ठगों की करतूत का खुलासा हुआ।
Updated on:
07 Jan 2025 08:58 am
Published on:
07 Jan 2025 08:56 am
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