21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मध्यप्रदेश में जंगल से जुड़ी समस्याओं में टॉप पर है यह क्षेत्र

- टॉप १० में रीवा-शहडोल संभाग के छह जिलों की शिकायतें वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते लंबित हो रहे मामले

2 min read
Google source verification

रीवा

image

Mrigendra Singh

Oct 01, 2018

rewa

forest-department-rewa-madhya-pradesh

रीवा। वनों को लेकर अपनी खूबसूरती और विविधताओं के लिए विंध्य की पहचान रही है। अब इन्हीं वनों से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी यह टॉप पर है। जिससे साफ जाहिर होता है कि यहां के जंगल को बचाने के लिए विभाग की उदासीनता हावी है।
प्रदेशभर से आई शिकायतों में रीवा और शहडोल संभाग की संख्या सबसे अधिक है। इन शिकायतों का निराकरण करने में भी लापरवाही सामने आई है, इसी का नतीजा रहा है कि शिकायतों का आंकड़ा इस क्षेत्र का सर्वाधिक है। कई शिकायतें तो ऐसी भी बताई गई हैं जिनका स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जा सकता है लेकिन अधिकारियों ने कोई संज्ञान ही नहीं लिया।
सबसे अधिक लंबित शिकायतों के जवाबदेह अधिकारियों की सूची विभाग ने जारी की है, जिसमें रीवा वृत्त के सीसीएफ अतुल खेरा का तीसरे नंबर पर नाम है। सीएम हेल्प लाइन के लंबित मामलों में बतौर एल-३ अधिकारी 174 एवं एल-4 में 298 है। प्रदेश में इनसे अधिक शिकायत वाले एल-४ अधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव 1880 और आलोक कुमार 574 हैं। उक्त दोनों अधिकारियों पर प्रदेश स्तर की जवाबदेही है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में वन संपदा का दोहन
रीवा संभाग उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़ा है। इस कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में वन संपदा का दोहन सबसे अधिक हो रहा है। शिकायतें भी इन्हीं स्थानों से आ रही हैं। बताया गया है कि २३४ ऐसी शिकायतें लंबित हैं जिसमें वन भूमि से खनिज का उत्खनन, लकडिय़ों की तस्करी आदि के मामले हैं। इस तरह के कई मामले विधानसभा में भी पूर्व में उठाए गए थे।

- सर्वाधिक लंबित शिकायतों वाले ये हैं जिले
- सिंगरौली - 1339
- सीधी - 1197
- शहडोल -978
- उमरिया - 943
- सिवनी - 819
- सागर- 808
- शिवपुरी - 755
- छतरपुर - 683
- सतना-650
- रीवा- 604
- पन्ना - 573

समीक्षा की कमियों के चलते बढ़ी संख्या
रीवा संभाग में जंगलों की आने वाली शिकायतों की समीक्षा के प्रति विभाग के अधिकारियों का उदासीन रवैया इनकी संख्या में इजाफा कर रहा है। बीते महीने सीएम हेल्प लाइन से आने वाली शिकायतों पर संपर्क या समाधान किए बिना ही सीसीएफ ने फोर्स क्लोजर का निर्देश दे दिया था, जिसके चलते फिर से उन्हीं समस्याओं को हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज कराया गया है। बताया जा रहा है कि डीएफओ स्तर पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसी वजह से एल-३ एवं एल-४ लेवल तक शिकायतें पहुंच रही हैं।

शिकायत के हर माध्यम में संख्या सर्वाधिक
जनसुनवाई- सीधी 110, सिंगरौली 85, सतना 19, रीवा 13।
सीएम हेल्पलाइन- सिंगरौली 1235, सीधी 994, सतना 609, रीवा 570।
एमपी समाधान - सीधी 93, सतना 27, रीवा 21 एवं सिंगरौली 19।

पर्यटकों के शिकायतें की अनदेखी
वन क्षेत्रों में पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए कई पिकनिक स्पॉट हाल ही में विकसित किए गए हैं। इसके बाद भी पर्यटन से जुड़ी शिकायतें चिंता बढ़ा रही हैं। सिरमौर में ७० लाख रुपए खर्च के दौरान अनियमितताओं की बात भी सामने आ रही है। पर्यटन से जुड़ी संभाग की २४९ शिकायतें तीन महीने के भीतर आई हैं। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि इस क्षेत्र में भी कार्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है।