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रीवा. अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए 60 फीसदी अंक पाने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों का खर्च सरकार उठाएगी। सरकार आधा दर्जन से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ ही सोध करने वाले छात्रों को पढ़ाइ-लिखाई के साथ ही विदेश में रहने का पूरा खर्च उठाएगी। इस योजना में 6 लाख रुपए से कम आय वाले को मौका नहीं मिलेगा।
इन विषयों की पढ़ाई के लिए सरकार देगी खर्च
सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों को इंजीनियरिंग, प्योर साइसेंस एवं एप्लाइड साइसेंस, मेडिकल, मैनेजमेंट इंटरनेशनल, कामर्स एवं एकाउंटिंग फाइनेंस, फारेस्टी और नेचुरल साइसेंस, विधि विषयों में परास्नातकोत्तर उच्चतर उपाधियों के लिए प्रवेश दिया जाएगा।
प्रवेश के लिए होनी चाहिए यह पात्रता
प्रवेश के लिए शोध उपाधि आवेदक संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा प्रथम श्रेणी या 60 प्रतिशत अंक के साथ अथवा उसके समतुल्य ग्रेड में उत्तीर्ण तथा संबंधित क्षेत्र में दो वर्ष का अध्यापन शोध, व्यावसायिक अनुभव, एमफिल उपाधि प्राप्त हो एवं स्नातकोत्तर के लिए आवेदक स्नातक उपाधि प्रथम अथवा न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक के साथ या उसके समतुल्य ग्रेड में उतीर्ण हो।
आवेदक की आय 6 लाख से अधिक होना चाहिए
छात्रों को इंजीनियरिंग, प्योर साइसेंस एवं एप्लाइड साइसेंस, मेडिकल, मैनेजमेंट इंटरनेशनल, कामर्स एवं एकाउंटिंग फाइनेंस, फारेस्टी और नेचुरल साइसेंस, विधि विषयों में प्रवेश दिया जाएगा। आवेदक की आय 6 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्र 15 जुलाई तक अपना आवेदन आयुक्त अनुसूचित जाति विकास, 35 राजीव गांधी भवन श्यामला हिल्स भोपाल को भेज सकता है।
दो करोड़ रुपए तक दिया जाएगा ऋण
अनुसूचित जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अन्तर्गत बैंकों के माध्यम से 10 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक की परियोजना लागत पर ऋण सुविधा दी जाती है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आवेदक को 50 हजार रुपए से 10 लाख रुपए तक की ऋण सुविधा नवीन उद्यमों की स्थापना के लिए दिया जाता है।
Published on:
27 Jun 2019 12:29 pm
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