
Hi-tech Farming: Farmers will cultivate banana in Rewa for gov support
रीवा। गुलाब, गेंदा, ग्लेडुला व जरबेरा जैसे फूलों के उत्पादन का हब बन चुके जिले में अब केले की बड़े पैमाने पर खेती होगी। यहां के प्रगतिशील किसानों ने अब केले के खेती की योजना बनाई है। प्रयोग के तौर पर अभी केवल छह एकड़ में उत्पादन किया जाएगा। प्रयोग सफल हुआ तो रकबे में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
पहाड़ पर उगा चुके हैं आलू
पहाड़ का सीना चीर कर आलू का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन करने के मामले में रकरिया गांव के चर्चित किसान दुर्गाशंकर मिश्रा अब केले की खेती में प्रयोग करने जा रहे हैं। उन्होंने तीन एकड़ में केले की खेती शुरू की है। इस प्रयोग में उनके साथ खजुहा गांव के रमेश पटेल व राम सरन ने भी डेढ़-डेढ़ एकड़ में प्रयोग के तौर पर केले की खेती की तैयारी में जुटे हुए हैं। किसानों ने यह प्रयोग कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राजेश सिंह के विमर्श पर शुरू किया है। किसान केले की जी-9 वेरायटी का उत्पादन करेंगे।
फूल व अनार में सफल हुआ प्रयोग
कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि पूर्व में फूल व अनार की खेती के लिए भी यहां की मिट्टी को उपयुक्त नहीं माना जा रहा था। केले की खेती के लिए भी कुछ ऐसा ही माना जा रहा है। मान्यता के विपरीत किसानों ने प्रयोग के बाद फूल व अनार की बड़े पैमाने पर खेती कर सफलता प्राप्त की है। इसी के आधार पर केले की खेती पर भी प्रयोग शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में यहां करीब 22 किसान फूलों की और करीब 9 किसान अनार की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
खेती की कुछ इस तरह है योजना
02 हजार पौधे एक एकड़ में लगाए जाएंगे
45 किलोग्राम प्रति पौधे का औसत उत्पादन
09 सौ रुपए प्रति पौधे से अनुमानित आय
18 लाख रुपए प्रति एकड़ अनुमानित आय
01 लाख रुपए प्रति एकड़ अनुमानित लागत
Published on:
28 Jun 2018 09:42 pm
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