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जिले के अवैध बाड़े में भूख-प्यास से तड़प रहे मवेशी, बसहट में 150 गौवंशों की हुई थी मौत, जिम्मेदार बने लापरवाह

सिरमौर तहसील के आधा दर्जन गांवों में मवेशियों को चारा-पानी की व्यवस्था नहीं

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Hunger and thirst in the illegal enclosure of the district

Hunger and thirst in the illegal enclosure of the district

रीवा. जिले में गौवंश के साथ अमानवीय क्रूरता थमने का नाम नहीं ले रही है। जिले में अभी भी जगह-जगह बनाए गए अवैध बाड़े में पशु भूंखे प्यासे दम तोड़ रहे हैं। जनवरी की इस ठिठुरन में खुले आसमान के नीचे थरथर कांपते गौवंश असमय काल के गाल में समा रहे हैं। बता दें कि त्योंथर के ग्राम बसहट में लगभग डेढ़ सौ कि संख्या में गौवंश मर गए। बसहट जैसी घटना की पुनरावृत्ति जिले की सिरमौर तहसील के अंतर्गत कररिया, राजगढ़, दुलहरा, लालगांव के पास चौरी में हो सकती है। यहां व्यापक पैमाने पर गौवंश अवैध बाड़ों में बंद किए गए हैं। लेकिन इनको पर्याप्त चारा-पानी की व्यवस्था नहीं की गई है जिससे कुछ गौवंश भूंख प्यास से तड़पते आखिरी सांस ले रहे हैं। समाजसेवी शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि सभी बाड़ों को बनाने के पीछे किसानों का अपना ही तर्क रहा है।

अवैध बाड़े में बंद मवेशी भूख से तोड़ रहे दम
किसानों ने बताया कि यह ऐरा मवेशी उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसान परेशान होकर पशु बाड़ा बना देते हैं। इस समस्या पर शासन प्रशासन को गंभीरता से सोचना होगा। जिले की सिरमौर तहसील के कररिया में बने बाड़े के बारे में किसान महेंद्र सिंह ने बताया कि फसल की सुरक्षा को देखते हुए हम प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम, थाना प्रभारी सिरमौर को लिखित सूचना देकर बाड़े का निर्माण किये हैं। उनसे जो भी बन रहा है गौवंश की उतनी देखभाल कर रहे हैं। ठंडी का मौसम होने के कारण पशु बीमार होकर मर भी रहे हैं जिसका दुख है। वहीं दुलहरा पंचायत में पानी टंकी के पास तालाब के मेड़ पर अवैध बाड़े में बंद मवेशी भूंख से तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। किसानों का कहना था कि सरपंच और गांव के लोगों द्वारा यह बाड़ा बनाया गया है।

चौरी में शांतिधाम में ही बना दिया बाड़ा
लालगांव के समीपवर्ती ग्राम चौरी में शासन द्वारा निर्मित शांतिधाम पशु बाड़े में तब्दील हो चुका है। सरपंच राजाराम जायसवाल द्वारा पशुओं के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई है। यहीं के किसान शेषमणी पाण्डेय ने बताया कि पिछले चार वर्ष से इस शांति धाम का इस्तेमाल पशु बाड़े के रूप में कर रहे हैं। बसहट में पशुओं की क्रूरतम हत्या के बाद रीवा जिले के कलेक्टर एवं कमिश्नर द्वारा जारी आदेश बेअसर दिख रहा है। पशुओं के साथ हो रही क्रूरता थम नहीं रही है।