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साढ़े 12 मीटर से ऊंचा भवन है तो लिफ्ट लगाना अनिवार्य

- भूमि विकास के संशोधित नियम के तहत किया गया अनिवार्य, शासन ने शहर के भवनों की जानकारी मांगी

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रीवा

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Mrigendra Singh

Mar 12, 2021

rewa

It is compulsory to lift if building is more than 12 and a half meter


रीवा। शहर में यदि कोई भवन 12.5 मीटर से अधिक ऊंचा है तो उसमें लिफ्ट लगाना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित भूमि स्वामी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही नगर निगम की ओर से जारी की जाने वाली अनापत्ति का प्रमाणपत्र भी संबंधित को नहीं दिया जाएगा। शासन इस पर गाइडलाइन जारी करने जा रहा है। इसके पहले रीवा सहित प्रदेश के सभी नगरीय निकायों से ऐसे भवनों की जानकारी मांगी गई है, जिनकी ऊंचाई 12.5 मीटर से अधिक है। रीवा शहर में बड़ी संख्या में ऐसे व्यवसायिक और आवासीय भवन हैं जिनकी ऊंचाई इस नियम के दायरे में आ रही है। भूमि विकास नियम 2012 के नियम 83 के तहत यह अनिवार्यता की गई है। इस नियम में बीते साल वर्ष 2020 में कुछ संशोधन भी किए गए हैं, जिसके चलते अब व्यवसायिक और आवासीय हर तरह के भवनों में लिफ्ट लगाने की अनिवार्यता कर दी गई है। साथ ही शापिंग काम्पलेक्स या अन्य ऐसे प्रयोजन वाले भवन जहां अधिक संख्या में लोगों का आना-जाना होता है, उन्हें लिफ्ट के साथ ही एस्केलेटर या मूविंग वाक की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी। इसके लिए कौन से भवन में किसकी अनिवार्यता है यह नगर निगम के इंजीनियरों की ओर से तय किया जाएगा। हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगम आयुक्त से जानकारी मांगी है। बीते महीने भी यह जानकारी मांगी गई थी लेकिन प्रदेश के आठ निकाय सिंगरौली, हरदा, सारंगपुर, चांद, सुसनेर, वारासिवनी, धुवारा, कुकडेश्वर आदि की ओर से ही जानकारी भेजी जा सकी है। रीवा नगर निगम सहित जिले के अन्य नगर परिषदों ने अब तक जानकारी नहीं प्रेषित की है। जिसके चलते सात दिन का समय दिया गया है और कहा गया है कि इस अवधि में अनिवार्य रूप से अपने शहर की जानकारी प्रस्तुत करें। जिसमें यह बताना होगा कि शहर में कितनी संख्या में व्यवसायिक और आवासीय मकान हैं और इनमें से कितनी जगह पर पूर्व से लिफ्ट एवं अन्य व्यवस्थाएं दी गई हैं।

- नियमों का पालन किए बिना ऊंचे होते रहे भवन


भूमि विकास नियम 2012 से प्रभावशील है, पहले भी यह प्रावधान किया गया था कि 12.5 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवनों में लिफ्ट लगाया जाए। लेकिन नगर निगम के इंजीनियरों द्वारा मनमानी रूप से शहर में निर्माण कराने की अनुमतियां जारी की जाती रहीं। साथ ही जहां पर अनुमति लिखित तौर पर नहीं दी गई हैं, वहां पर नियमों की अनदेखी होने की जानकारी रहने के बाद भी अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी। माना जा रहा है कि रीवा शहर के भीतर करीब 15 हजार से अधिक की संख्या में ऐसे भवन हैं जो इस ऊंचाई के दायरे में हैं। इसमें वह सभी भवन दायरे में आएंगे जो तीन मंजिला बने हैं।
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- आवासीय मकानों में होगी परेशानी


शासन का नियम है कि व्यवसायिक और आवासीय हर भवन में लिफ्ट लगाना होगा यदि वह साढ़े बारह मीटर से अधिक ऊंचा है। रीवा शहर में सबसे अधिक समस्या आवासीय भवनों के स्वामियों को होगी। क्योंकि अधिकांश लोगों ने नियमों की अनदेखी करते हुए जितनी भूमि थी पूरे में मकान बनवा रखा है। ऐसे में लिफ्ट लगाने के लिए उन्हें मकान में तोडफ़ोड़ भी करानी होगी। जिससे खर्च भी बढ़ेगा और नियमों का पालन कराने के दौरान सत्यापन में आने वाली कमियों को भी पूरा करना पड़ेगा। नगर निगम के सामने एक चुनौती यह आएगी कि अधिकांश मकान बिना भवन अनुज्ञा के बनाए गए हैं, इसलिए अवैध भवनों पर लिफ्ट लगाने की कार्रवाई कैसे होगी, इसको लेकर मंथन चल रहा है।
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- लिफ्ट इंजीनियरों को लाइसेंस देगा निगम


शहर में एक साथ अधिक संख्या में लिफ्ट लगाना है, इसलिए नगर निगम के इंजीनियर अकेले हर जगह नहीं पहुंच पाएंगे। जिसकी वजह से शासन ने शहरों में नगरीय निकायों को अधिकार दिया है कि वह अपने यहां लिफ्ट इंजीनियरों को लाइसेंस जारी करें। ये इंजीनियर नियम 26(9)(छ) एवं (ज)
के तहत लिफ्ट, एस्केलेटर अथवा मूविंग वाक आदि की क्षमता और आकार का सत्यापन करेंगे। भवन स्वामियों को आनलाइन आवेदन करना होगा, जिसे लिफ्ट इंजीनियर द्वारा सत्यापित करने के बाद नगर निगम स्वीकृति देगा।
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जहां लगे, वहां भी ठीक से नहीं चलते


रीवा शहर में बड़े व्यवसायिक भवनों में लिफ्ट तो लगाए गए हैं लेकिन वह नियमित रूप से चलते नहीं। जिसकी वजह से सीढिय़ों के जरिए ही लोगों का आना-जाना होता है। कई शापिंग काम्पलेक्स में लिफ्ट केवल उनकी सामग्री पहुंचाने के उपयोग तक सीमित हैं। वहीं शहर के सबसे प्रमुख व्यवसायिक सह सरकारी कार्यालय का भवन शिल्पी प्लाजा जहां पर लिफ्ट तो लगाई गई है लेकिन वह वर्षों से बंद पड़ी हैं। इस पर कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन समय के साथ वह भी शांत हो जाते हैं। यही हाल अन्य कई बड़े भवनों का है। निगम अधिकारियों की मानें तो हर जगह नोटिस जारी की जाएगी।