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कृष्णा-राजकपूर की जहां हुई थी शादी वहां स्मृतियां सहेज रहा आधुनिक आडिटोरियम

हिन्दी फिल्मों के सबसे बड़े घराने कपूर फैमिली की कृष्णा कपूर का निधन हो गया है

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रीवा

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Mrigendra Singh

Oct 01, 2018

rewa

krishna rajkapoor

रीवा। हिन्दी फिल्मों के सबसे बड़े घराने कपूर फैमिली की कृष्णा कपूर का निधन हो गया है। वह लंबे अर्से से बीमार चल रही थी। कृष्णा और राजकपूर के मिलन का सबसे बड़ा गवाह मध्यप्रदेश का रीवा शहर है। यहीं बारात आई थी और दोनों ने सात फेरे लिए थे। मध्यप्रदेश की सरकार ने इनके वैवाहिक आयोजन की स्मृतियां ताजा बनाए रखने के लिए भव्य आधुनिक आडिटोरियम का निर्माण कराया है। इसे कलाकेन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा भी प्रदेश सरकार ने की है।
फिल्मों के शो मैन राजकपूर और कृष्णा मल्होत्रा के विवाह के दौरान रीवा शहर को भव्य रूप से सजाया गया था। रीवा शहर के सिरमौर चौराहे में जिस स्थान पर दोनों के विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ था, वहीं पर आधुनिक आडिटोरियम बनाया गया है। जिसका लोकार्पण राजकपूर और कृष्णा के पुत्र रणधीर कपूर सहित अन्य कई फिल्मी हस्तियों ने किया था।
बताया गया है कि 12मई 1946 को राजकपूर की बारात रीवा आई थी। उस दौरान रीवा राज्य के आइजी रहे करतारनाथ मल्होत्रा के घर यह बारात आई थी। उनकी पुत्री कृष्णा के साथ राजकपूर की शादी हुई। राजघराने की ओर से भी अतिथियों के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गई थी। शहर के उस दौरान के प्रमुख स्थलों में फिल्मी सितारों और प्रमुख अतिथियों को ठहराया गया था। कुछ को गोविंदगढ़ में ठहराया गया था।

रीवा से जुड़ा रहा नाता
जिस दौरान कृष्णा और राजकपूर की शादी हुई, रीवा को स्थानीय लोग रीमा कहते थे। स्मृतियों को ताजा बनाए रखने के लिए उन्होंने अपनी बेटी का नाम रीमा रखा। राजकपूर ने रीवा को समर्पित एक फिल्म 'आहÓ बनाई थी। जिसमें ११ बार रीवा का जिक्र किया था। फिल्म में वह तपेदिक के मरीज बताए गए जो रीवा में रहने वाली नायिका से मिलना चाह रहे थे। फिल्म में एक बार सतना का भी जिक्र किया था।

प्रेमनाथ के मित्र थे राजकपूर
फिल्म अभिनेता राजकपूर और प्रेमनाथ मित्र थे, इसी सिलसिले में वह राजकपूर को अपने साथ रीवा लेकर आए थे। यहीं उन्होंने पहली बार कृष्णा को देखा था, उस दौरान उनकी उम्र 14 वर्ष की थी। पहली नजर में ही राजकपूर ने कृष्णा को पसंद किया और अपने परिवार के लोगों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद रिश्ते की बात हुई और दोनों परिवारों ने रिश्ता तय कर दिया। मुंबई से बारात रीवा जैसे छोटे शहर में आई थी, यहां भव्य तैयारियां की गई थी। तत्कालीन महाराजा मार्तण्ड सिंह ने भी बारात के ठहरने का विशेष इंतजाम किया था। गोविंदगढ़ किले में कई प्रमुख फिल्मी कलाकारों का ठहराया गया था।