
Left handers day: amitabh, sachin example, so many in rewa
रीवा। बुरी आदत है, इसे बदल डालो। लेफ्ट हैंड से काम करना अशुभ होता है। लिखने-पढऩे जैसा शुभ कार्य राइट हैंड से किया जाना चाहिए। लेफ्ट हैंडर्स को कुछ इस तरह की ढेरों बातें सुननी पड़ती हैं। लेकिन यह सब बातें केवल कहने भर के लिए हैं। इसके विपरीत कई ऐसे उदाहरण हैं, जिनके लिए यह लकी साबित हुआ है। उदाहरण के रूप में हम कुछ ऐसे लेफ्ट हैंडर्स की कहानी लेकर आए हैं, जो अच्छे मुकाम पर पहुंचे हैं।
खेल सहित कई कार्य बाएं हाथ से करते हैं सांसद
बाएं हाथ से कार्य करना केवल एक आदत है। सफलता-असफलता और शुभ व अशुभ से इसका कोई लेना देना नहीं है। जिले के एक छोटे से गांव हिनौती के सामान्य परिवार में जन्मे रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। खेल सहित कई कार्यों को बाएं हाथ से करने वाले जनार्दन मिश्रा ने लोकसभा सदस्य बनने तक का सफर तय किया है। हालांकि टोकाटोकी के चलते उन्होंने दाएं हाथ से भी कार्य करने की आदत पड़ गई। वर्तमान में वह दोनों हाथों से कार्य करने की क्षमता रखते हैं।
‘शिक्षा अधिकारी बनने तक कभी आड़े नहीं आई आदत’
पढ़ाई के दौरान मेधावी छात्रों में शुमार रहे प्रवीण कुमार शुक्ला ने उच्च श्रेणी शिक्षक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी बनने तक की सफलता हासिल की है। वर्तमान में शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में प्राचार्य हैं। लिखने-पढऩे सहित बाकी के सभी कार्य बाएं हाथ से करने वाले प्राचार्य बताते हैं कि बचपन में भले ही इसके लिए उन्हें डांट पड़ी हो। लेकिन सफलता में उनकी यह आदत कभी आड़े नहीं आई। कक्षा आठवीं उत्तीर्ण करने के बाद वह प्रतिभा परीक्षा में चयनित हुए और आज शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर सेवा देने के बाद प्राचार्य पद पर पदस्थ हैं।
शानदार राइटिंग के चलते बन जाती है प्रो. राजीव की अलग पहचान
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में पदस्थ प्रो. राजीव दुबे लैफ्ट हैंड के प्रयोग को खुद के लिए शुभ मानते हैं। प्रो. दुबे ने बताया कि लेफ्ट हैंडर होने का ही शायद नतीजा रहा कि उनक हैंड राइटिंग बहुत अच्छी रही। स्कूल में पढ़ाई के दौरान से लेकर आज तक उनकी राइटिंग ने ही अलग पहचान दिलाई। स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक में कुछ भी लिखने की बात आती है तो उन्हें याद किया जाता है। प्रो. दुबे मानते हैं ज्यादातर लेफ्ट हैंडर्स की राइटिंग खूबसूरत होती है। वह इसे केवल एक आदत मानते हैं।
टेबिल टेनिस खिलाड़ी का पूरा परिवार है लेफ्ट हैंडर
टेबिल टेनिस के राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा में अपना लोहा मनवाने वाले शहर के असद खान लेफ्ट हैंडर हैं। लेफ्ट हैंड के दम पर ही उन्होंने एनसीसी की राज्य स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी विनर बने हैं। हैरत की बात यह है कि उनके परिवार में आधा दर्जन लोग लेफ्ट हैंड के जरिए अपनी सफलता की कहानी लिखी है। असद के मुताबिक उनके बड़े भाई मूसा खान, भतीजा तारिक खान, भतीजी निकहत बेगम व निसाद बेगम, चचेरे भाई मुहिम खान लेफ्ट हैंडर हैं। असद के बड़े पिताजी मो. यासीन खान भी लेफ्ट हैंडर रहे।
Published on:
13 Aug 2018 12:06 pm
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