
Lok Sewa Guarantee Act not followed in Rewa, student disturbed
रीवा। समस्या अंकसूची में सुधार की हो या माइग्रेशन की या फिर डिग्री व मूल्यांकन सहित अन्य दूसरी परेशानी। उनके निवारण के लिए छात्रों से केवल सामान्य तरीके से आवेदन लिया जाता है। बात अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की कर रहे हैं। छात्र समस्या निवारण में शासन स्तर से लागू की गई लोक सेवा गारंटी अधिनियम की व्यवस्था विश्वविद्यालय में कागज तक सीमित होकर रह गई है। अधिनियम के तहत आने वाले आवेदनों की नहीं के बराबर संख्या कुछ ऐसा ही जाहिर कर रही है।
अधिनियम के तहत करना है छात्र समस्याओं का का निराकरण
शासन स्तर से जारी निर्देशों के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्याओं का निवारण लोक सेवा गांरटी अधिनियम के तहत करना है। निर्देशों के मद्देनजर अधिकारियों ने प्रशासनिक भवन में प्रत्येक कार्य के लिए निर्धारित समय-सीमा का लंबा चौड़ा बोर्ड तो लगा दिया गया है, लेकिन उस पर कोई अमल फरमाने की जरूरत नहीं समझ रहा है।
छात्रों को नहीं जानकारी, कोई प्रेरित भी नहीं करता
समस्याओं के निवारण को लेकर छात्र अधिनियम के तहत निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करें। इस बात को लेकर न ही छात्र जागरूक हैं और न ही विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी उन्हें इसके लिए प्रेरित करने की जरूरत समझते हैं। छात्रों से अधिनियम के तहत आवेदन नहीं लेने के पीछे की मंसा निर्धारित समय में कार्य पूरा करने के दबाव बचने के लिए है।
पिछले दो वर्ष में आए महज चंद आवेदन
विश्वविद्यालय के अधिकारिक सूत्रों की माने तो छात्रों की ओर से पिछले दो वर्षों में केवल दो दर्जन आवेदन अधिनियम के तहत आए हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से मांगी गई जानकारी में विश्वविद्यालय की ओर से यही आंकड़ा उपलब्ध कराया गया है। गौरतलब है कि अधिनियम के तहत आए आवेदनों की इतनी कम संख्या उस स्थिति में है, जब विश्वविद्यालय में हर रोज आधा सैकड़ा से अधिक छात्र विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर पहुंचते हैं और जानकारी के अभाव में सामान्य तरीके से आवेदन देकर लौट जाते हैं।
कार्य और उसके निस्तारण के लिए निर्धारित अवधि
- 3 कार्य दिवस में नामांकन व माइग्रेशन प्रमाणपत्र जारी करना
- 2 कार्य दिवस में प्रोविजनल उपाधि व डुप्लीकेट अंकसूची देना
- 2 कार्य दिवस में अंकसूची में नाम व उपनाम सहित अन्य सुधार
- 5 कार्य दिवस में उत्तरपुस्तिकाओं का छात्रों को अवलोकन कराना
- 5 कार्य दिवस में छात्रों की काशनमनी को भुगतान वापस करना
- 5 कार्य दिवस में छात्र को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करना
- 5 कार्य दिवस में छात्र का चरित्र प्रमाणपत्र जारी व सत्यापन कार्य
- 15 कार्य दिवस में आक्षेपों का निराकरण कर शोध पंजीयन पत्र देना
- 6 महीने में शोध प्रबंध की प्रस्तुति के बाद पीएचडी अवार्ड करना
Published on:
29 Sept 2018 02:09 pm
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