
- रीवा प्रदेश में दूसरे स्थान पर है, पहले स्थान पर है इंदौर- स्थानीय स्तर पर सेवाओं में कमी के कारण बढ़ रही शिकायतें
रीवा। शासन द्वारा आम जनता को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ ठीक से नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से शिकायतें भी तेजी के साथ की जा रही हैं। प्रदेश भर में लोकसेवा से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए अलग प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जहां पर बड़ी संख्या में शिकायतें पेंडिंग हैं। इस पेंडेंसी के मामले में रीवा जिला अव्वल नंबर पर है। सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों की पेंडेंसी की संख्या जारी की है। जिसमें जनसंख्या की वजह से इंदौर जिले की पेंडेंसी सबसे अधिक है और दूसरे नंबर पर रीवा है। अब लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने पेंडिंग शिकायतों की विभागवार और जिला वार सूची जारी की है और कहा है कि सभी अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए इन पेंडिंग मामलों का निराकरण कराएं। रीवा जिले की शिकायतों को लेकर कुछ समय पहले कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि इनकी संख्या कम की जाए।
प्रशासनिक विभागों में आम जनता से जुड़ी शिकायतों और समस्याओं को लेकर ठीक से सुनवाई नहीं होने की वजह से शिकायतें अधिक आती हैं। जबकि शासन के स्तर से लगातार इसके लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। कुछ समय पहले ही केन्द्रीय लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय भारत सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार से आम लोगों की शिकायतों के निराकरण के सरल प्लेटफार्म तैयार करने के लिए कहा है। हालांकि मध्यप्रदेश सरकार ने पहले ही सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य कई माध्यम आम लोगों को उपलब्ध करा रखे हैं। सीपीजीआरएएमएस पोर्टल में आई लोक सेवा से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए सभी विभागों ने अपने जिला अधिकारियों का पत्र लिखकर पेंडेंसी खत्म करने का निर्देश दिया है। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने समय पर जानकारी नहीं भेजी तो रिमाइंडर लेटर भी पहुंच गया है।
----------
कोरोना काल के दौरान आई शिकायतों का अब तक निराकरण नहीं
कोरोना काल के दौरान सबसे अधिक शिकायतें सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से केन्द्र सरकार तक पहुंची हैं। सरकार के सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के मुताबिक कोरोना काल की शिकायतें भी अब तक पेंडिंग हैं। विभागों की प्रदेश स्तर पर जारी लंबित शिकायतों में सबसे अधिक गृह विभाग से जुड़ी बताई जा रही हैं। विभागों की पेडेंसी के अनुसार गृह विभाग की 13011, स्कूल शिक्षा 3949, पंचायत विभाग की 3884, नगरीय निकायों की 3707, उ"ा शिक्षा की 2563, राजस्व की 2540, स्वास्थ्य 2545 आदि प्रमुख विभाग हैं। अन्य विभागों में पेंडेंसी की संख्या कम है।
--------------
सीएम हेल्पलाइन में भी टॉप पर
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने वालें की संख्या रीवा जिले की टाप पर है। रीवा जिले से इस वर्ष एक लाख 41 हजार 803 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन के जरिए पहुंच चुकी हैं। इसके बाद सबसे अधिक शिकायत वाले जिलों में ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, सतना, सागर, शिवपुरी, जबलपुर, मुरैना, छतरपुर, भिंड आदि जिले हैं। प्रदेश में सबसे कम शिकायतें बड़वानी और बुरहानपुर जिले से सीएम हेल्पलाइन में पहुंची हैं। सीएम हेल्पलाइन में रीवा जिले की करीब 12 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं।
----------
टॉप पेंडेंसी की शिकायतें
जिला--------शिकायत
इंदौर--------4480
रीवा--------3443
भोपाल------2513
सतना-------2362
ग्वालियर-----1937
उ"ौन--------1880
सीधी----------565
सिंगरौली-------563
पन्ना---------658
सागर--------516
नोट--यह आंकड़े सीजीजीआरएएमएस पोर्टल पर आई लोकसेवा की शिकायतों के हैं। जिलों के पास कार्रवाई का निर्देश आया है।
Published on:
08 Nov 2021 10:29 am
बड़ी खबरें
View Allरीवा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
