26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निर्माण में नियम ताक पर, अधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदार कर रहा मनमानी

अधिकारियों की नाक के नीचे निर्माण में हो रहा घालमेल...

2 min read
Google source verification

रीवा

image

Ajit Shukla

Jun 19, 2018

Low standard material use in construction work of APSU

Low standard material use in construction work of APSU

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अधिकारियों की नाक के नीचे निर्माण कार्य में धांधली चल रही है। एक तो ठेकेदार ने बिना वर्क ऑर्डर के निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। दूसरे मनमानी तरीके से उसकी ओर से निर्माण में गुणवत्ताविहीन सामग्री प्रयोग की जा रही है। यह सब विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन से चंद कदम की दूरी पर चल रहा है। लेकिन ठेकेदार पर रोकने वाला कोई नहीं है।

निर्माण में चोरी छिपे चल रहा घालमेल
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी कुछ दिन पहले विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए टेंडर जारी किया गया था। टेंडर जारी होने के बाद कई संविदाकारों ने अपना प्रस्ताव दिया है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर विश्वविद्यालय की ओर से वर्क ऑर्डर जारी होता कि इससे पहले ही विश्वविद्यालय से जुड़े एक ठेकेदार ने नाली का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं निर्माण में बालू के स्थान पर चोरी छिपे डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है। डस्ट के ढेर को बालू से ढक दिया गया है। ताकि इस पर किसी का ध्यान नहीं जाए।

प्रोफेसर व कर्मचारी सब बने तमाशबीन
निर्माण कार्य में धड़ल्ले से गुणवत्ताविहीन सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है और विश्वविद्यालय अधिकारी ही नहीं प्राध्यापक व कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी भी सब कुछ जानते हुए भी तमाशबीन बने हुए हैं। किसी भी संगठन के पदाधिकारी आवाज उठाने की जहमत मोल नहीं ले रहे हैं। यह देखते हुए यह जान पड़ता है कि संगठन पदाधिकारियों की लड़ाई विश्वविद्यालय हित में न होकर स्वहित तक सीमित है।

कुलपति से की गई है शिकायत
पूर्व में भी बिना वर्क ऑर्डर ठेकेदार की ओर से निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर तैयारी किए जाने पर कुलपति व कुलसचिव से इसकी शिकायत की गई थी। लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदार पर प्रतिबंध नहीं लगाया। और अब जब ठेकेदार मनमाने तरीके से घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहा है। तब भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। गौरतलब है कि करीब सप्ताह भर पहले ही बिना वर्क ऑर्डर मिले ही ठेकेदार ने निर्माण सामग्री जुटाना शुरू कर दिया था। इससे संबंधित अधिकारियों के साथ ठेकेदार की सेटिंग जाहिर होती है।