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67 साल बाद रीवा का विभाजन, मऊगंज जिले की मांग चार दशक बाद पूरी

- स्थानीय स्तर से लेकर विधानसभा तक मामला गूंजा, जिसके चलते सरकार ने नया जिला बनाया

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रीवा

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Mrigendra Singh

Aug 14, 2023

rewa

mauganj new district of madhya pradesh


रीवा। एक नवंबर 1956 को गठित हुए मध्यप्रदेश में रीवा जिले की बनाई गई सीमा में पहली बार 67 वर्षों के बाद विभाजन हुआ है। जिले की तीन तहसीलों को मिलाकर नया मऊगंज जिला बनाया गया है। मऊगंज को नया जिला बनाए जाने की मांग करीब चार दशक पहले उठी थी। उस दौरान सैद्धांतिक सहमति भी बन गई थी लेकिन राजनीतिक रूप से सहमति नहीं होने की वजह से घोषणा रुक गई थी। अब जिला गठन की सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद कलेक्टर-एसपी की पदस्थापना हो गई है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से जिला गठन की मांग कर रहे थे, इसलिए वह अपनी जीत मान रहे हैं। नए जिले में 15 अगस्त से कामकाज शुरू हो जाएगा।
जिला गठन की मांग में कई जनप्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग भी शामिल रहे हैं। सबसे पहले यह मांग मऊगंज के विधायक रहे रामधनी मिश्रा की ओर से की गई थी। उन्होंने जिला गठन के लिए कई जनसभाएं की थी और मुख्यमंत्री से भी मिलकर मांग रखी थी। वर्ष 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को घोषणा करना था। उस दौरान महाराजा मार्तण्ड सिंह ने रीवा का बंटवारा किए बिना ही क्षेत्र का विकास करने की बात कही, जिसके चलते नए जिले की घोषणा रुक गई और कई वर्षों तक मांग भी नहीं हुई।
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रीवा संभाग से टूटने वाला चौथा नया जिला
मऊगंज को जिला बनाए जाने के बाद रीवा संभाग से टूटने वाला यह चौथा नया जिला है। इसके पहले तीन नए जिले बनाए जा चुके हैं। पूर्व में शहडोल जिला भी रीवा संभाग में था, जिसे तोड़कर उमरिया और अनूपपुर दो नए जिले बनाए गए थे। इसके बाद शहडोल भी अलग संभाग बना दिया गया। इसके बाद सीधी जिले में सिंगरौली को नया जिला बनाया गया। संभाग में यह चौथा नया जिला अस्तित्व में आया है। अब रीवा संभाग में पांच जिले हो जाएंगे।
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रीवा शहर बसने के पहले से आबाद रहा है मऊगंज
मऊगंज का ऐतिहासिक महत्व भी रहा है। रीवा रियासत स्थापित होने के पहले से यह क्षेत्र आबाद रहा है। ईसा के 500 वर्ष पूर्व की मूर्तियों के अवशेष मऊगंज की लोहदा नदी के किनारे मिले थे, जो अब दिल्ली के जेएनयू संग्रहालय में रखे हैं। साथ ही आजादी के पहले 1935 से मऊगंज में कोर्ट संचालित है।
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- 16 वर्ष पहले जिला निर्माण संघर्ष परिषद का हुआ था गठन
मऊगंज को जिला बनाने की मांग उस समय से तेज हुई जब इसके लिए कुछ लोगों ने एक समिति बनाकर आंदोलन को आगे बढ़ाया। 23 जनवरी 2007 से जिला निर्माण संघर्ष परिषद के बैनर तले आंदोलन शुरू हुआ था, अधिवक्ता संतोष मिश्रा की अगुआई में लगातार स्थानीय स्तर से लेकर राजधानी तक प्रदर्शन किए गए। इस आंदोलन ने जिले की मांग को जिंदा रखा जिसकी वजह से समय-समय पर विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जिले की मांग को उठाना पड़ा।
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सीएम की चौथी घोषणा के बाद बना जिला
मऊगंज के लोगों के मांग के चलते तीन बार पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर चुके थे। २४ नवंबर २००८ को मलैगवां में चुनावी सभा, तीन अगस्त २०१३ में एक कार्यक्रम के दौरान मऊगंज कालेज में और इसके बाद नवंबर २०१८ में खटखरी में जिला बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद चौथी घोषणा चार मार्च को मऊगंज में की और कहा कि इस साल स्वतंत्रता दिवस नए जिले में मनाया जाएगा और उसी के अनुसार जिला गठित हो गया।
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रीवा के जिला मुख्यालय से दूरी होने की वजह से मऊगंज अंचल उपेक्षित रहा है। यहां पर सुविधाएं बराबर नहीं मिल पाने की वजह से ही नए जिले की मांग उठी थी। मांग तो पहले से भी उठती रही है लेकिन वर्ष २००७ से हम सब लगातार सक्रिय रहे हैं। जन भावना का सम्मान हुआ, अब मऊगंज क्षेत्र विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा।
संतोष मिश्रा, संयोजक जिला बनाओ संघर्ष समिति
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मऊगंज को जिला बनाने में जन भावना की जीत हुई है। हर व्यक्ति अब यह निश्चिय कर चुका था कि हर हाल में जिला बनाना है। करीब ५० हजार लोगों ने इसके लिए गिरफ्तारी दी थी, तभी से तय था कि जिला अब बनकर रहेगा। सरकार ने मजबूर होकर बनाया है। जिले का हर नागरिक इस सफलता पर खुश है।
सुखेन्द्र सिंह बन्ना, पूर्व विधायक
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मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जनता को आश्वासन दिया था कि १५ अगस्त को स्ततंत्रता दिवस मऊगंज जिला मुख्यालय में मनाया जाएगा। जिला गठित होने के बाद यह अवसर लोगों को मिला है। पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल है। लोगों की लंबे समय से चली आ रही उम्मीद पूरी हो गई है।
प्रदीप पटेल, विधायक मऊगंज
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मऊगंज जिले की लंबे समय से डिमांड थी, सरकार ने स्वीकार किया है। उत्सव का दिन है। नए जिले में मनाए जाने वाले पहले स्वतंत्रता दिवस में ध्वजारोहण का हमें अवसर मिला है। क्षेत्र के लोगों के लिए नई शुरुआत का यह दिन है। उम्मीद है नया जिला गठित होने के बाद विकास की गति और तेज होगी।
गिरीश गौतम, अध्यक्ष मप्र विधानसभा
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राष्ट्रपति पदक लेने गए थे एसपी
मऊगंज के नए पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन को 15 अगस्त को भोपाल में राष्ट्रपति मेडल दिया जाना था। इसके लिए वह भोपाल पहुंच भी गए थे। दोपहर बाद उन्हें बताया गया कि मऊगंज पदस्थापना की जा रही है और वहां स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होना है। इस कारण देर रात वह भोपाल से मऊगंज के लिए रवाना भी हो गए, सुबह पहुंचकर पहले एसपी के रूप में आमद देंगे। पत्रिका से चर्चा करते हुए एसपी वीरेन्द्र जैन ने बताया कि नया जिला है, शुरुआती दौर में कई चुनौतियां होती हैं पर उन सबके बावजूद बेहतर पुलिसिंग देने का प्रयास किया जाएगा। आने वाले महीनों में विधानसभा का चुनाव भी होना है। इसलिए जिले की पूरी संरचना समझने के बाद एक्शन प्लान के साथ काम करेंगे। चुनाव में अशांति फैलाने वाले तत्वों को चिन्हित करते हुए पहले उन पर कार्रवाई होगी। साथ ही पुलिस का नेटवर्क हर गांव तक स्थापित रहे इसके प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देते लोगों को साथ जोड़ेंगे। लोगों से संवाद नियमित होगा ताकि हर तरह की जानकारियां मिलती रहें। पुलिस अधीक्षक जैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा क्षेत्र है, इसलिए पड़ोसी राज्य से भी होने वाली गतिविधियां प्रभावित कर सकती हैं ऐसे में विशेष कार्ययोजना बनाकर इन सब पर नजर रखी जाएगी।
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ऐसा होगा मऊगंज जिला
- जनसंख्या---616645
- क्षेत्रफल--- 186688 हेक्टेयर
- गांव--- 1070(नईगढ़ी 383, मऊगंज 344, हनुमना 343)
- ग्राम पंचायत--- 256
- पटवारी हल्का---264
- राजस्व सकिज़्ल--12
- तहसील-- मऊगंज, हनुमना, देवतालाब, नईगढ़ी।
- राजस्व अनुभाग-- मऊगंज, हनुमना
- विकासखंड-- मऊगंज, नईगढ़ी, हनुमना।
- विधानसभा क्षेत्र-- मऊगंज और देवतालाब के साथ मनगवां का कुछ हिस्सा।
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अब रीवा जिला ऐसा होगा
- जनसंख्या---1748461
- क्षेत्रफल--- 442057 हेक्टेयर
- गांव--- 1747
- ग्राम पंचायत--- 564
- पटवारी हल्का---593
- राजस्व सकिज़्ल--28
- तहसील-- हुजूर, हुजूर ग्रामीण, रायपुर कचुज़्लियान, गुढ़, मनगवां, त्योंथर, जवा, सिरमौर, सेमरिया।
- राजस्व अनुभाग-- हुजूर, गुढ़, सिरमौर, त्योंथर, मनगवां।
- विकासखंड-- रीवा, रायपुर कचुज़्लियान, सिरमौर, त्योंथर, जवा, गंगेव।
- विधानसभा क्षेत्र-- रीवा, गुढ़, मनगवां, त्योंथर, सिरमौर, सेमरिया।