
MP government decided Increasing salary of junior doctors
रीवा। अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रीवा सहित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की चिकित्सीय सेवाएं कई दिनों तक बंद रखने वाले जूनियर डॉक्टरों की मांगों के आगे आखिर सरकार नतमस्तक हो गई। मंगलवार को अपर मुख्य सचिव के साथ हुई जूनियर डॉक्टरों की बैठक के बाद स्टाइपेंड बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगे मान ली गईं। जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रीवा इकाई के अनुसार अब जूनियर डॉक्टरों को बढ़ा मानदेय तो मिलेगा ही, साथ में दवा और उपकरणों की खरीदी सहित अन्य कार्यों में भी जूडॉ की सहमति ली जाएगी। अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर एक कमेटी गठित होगी। ग्रामीण क्षेत्र में बांड पर काम करने वाले चिकित्सकों का वेतन मेडिकल अफसर के बराबर दिया जाएगा। बढ़ोत्तरी भी एक साथ ही की जाएगी। इसके साथ ही स्टाइपेंड में करीब 10 हजार रु पए तक की बढ़ोत्तरी की गई है। एसोसिएशन के मुताबिक अब प्रथम वर्ष में 56,100 रुपए, द्वितीय वर्ष में 57,800 रुपए और तृतीय वर्ष में 59,500 रुपए स्टाइपेंड दिया जाएगा। सीनियर रेसीडेंट 65,000 रुपए स्टाइपेंड दिया जाएगा। मांगें पूरी होने की सूचना देर रात जैसे ही श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा पहुंची वैसे ही जूनियर डॉक्टरों के चेहरे खिल गए।
मुख्यमंत्री से की मुलाकात
अपर मुख्य सचिव बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने जूनियर डॉक्टरों को उनकी समस्याएं तत्काल निराकरण करने का आश्वासन दिया। कहा कि मांगें मान ली गई हैं अब हड़ताल नहीं सुनाई देनी चाहिए। जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने भरोसा दिलाया कि वे अब हड़ताल नहीं करेंगे।
ये सुविधाएं भी होंगी मयस्सर
-जूनियर डॉक्टर जिन हॉस्टलों में रहते हैं उनका उन्नयन किया जाएगा।
-हॉस्टल के आवासों में रहने-पढ़ाई करने के लिए फर्नीचर खरीदे जाएंगे।
-सौ छात्र अच्छे से रह सकें। ऐसा नया हॉस्टल बनाया जाएगा।
-बीमारी होने की दशा में जूनियर डॉक्टर्स का खर्चा सरकार उठाएगी।
-बांड भरने वाले डॉक्टर की पढ़ाई पूरी होने पर गांव में तैनाती होगी।
Published on:
01 Aug 2018 12:41 pm
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