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इन विश्वविद्यालयों का है बुरा हाल, प्रवेश लेने से पहले आपके लिए यह जानना है जरूरी

छात्रों की पढ़ाई का हो रहा बेड़ागर्क...

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रीवा

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Ajit Shukla

Jun 09, 2018

MP's Universities do not have professor, situation of APSU is worst

MP's Universities do not have professor, situation of APSU is worst

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय सहित महाविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन पढ़ाने के लिए प्रोफेसरों की व्यवस्था नहीं की गई है। महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की भर्ती के लिए प्रक्रिया तो शुरू है लेकिन विश्वविद्यालय अभी भी शासन से हरी झंडी मिलने की राह देख रहा है।

प्रति वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे प्रोफेसर
एपीएसविश्वविद्यालय में वर्ष दर वर्ष प्रोफेसरों के पद खाली होते जा रहे हैं। वर्तमान में आधे से अधिक पद खाली हैं। यही हाल राज्य के दूसरे विश्वविद्यालयों का भी है लेकिन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर को छोड़ दिया जाए तो प्रोफेसरों की सबसे अधिक कमी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में ही है। यहां स्वीकृत शैक्षणिक पदों की संख्या 75 है जबकि महज प्रोफेसर 24 कार्यरत हैं। एक-एक कर प्रोफेसरों के सेवानिवृत्त होने के बाद 51 पद खाली हो चुके हैं।

यहां एक भी प्रोफेसर नियुक्त नहीं
पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल में सभी 226 पद व महाराजा छात्रपाल विश्वविद्यालय छतरपुर में प्रोफेसरों के सभी छह रिक्त चल रहे हैं। ये दोनों विश्वविद्यालय अभी हाल में खोले गए हैं। विश्वविद्यालय खोले जा ने के बाद एक भी प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं की गई।

रिक्त पदों में एपीएस दूसरे स्थान पर
राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के रिक्त पदों की तुलना में सबसे अधिक पद रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में खाली हैं। स्वीकृत पदों की तुलना में 70 फीसदी पद खाली हैं जबकि एपीएस विश्वविद्यालय में 68 फीसदी पद खाली हैं। इसी प्रकार अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल में 67 फीसदी, विक्रम विश्वविद्यालय में 52 फीसदी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में 48 फीसदी, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 45 फीसदी व बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में 43 फीसदी प्रोफेसरों के पद खाली हैं।

गैर शैक्षणिक पदों का भी बुरा हाल
विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक के साथ गैर शैक्षणिक पदों का भी बुरा हाल है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 650 स्वीकृत पद में 50 पद खाली है। जबकि एपीएस विश्वविद्यालय में 384 स्वीकृत पद में 132 पद खाली हैं। इसी प्रकार विक्रम विश्वविद्यालय में 650 पदों में 266 पद, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में 958 में 425 पद, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 24 में 15 पद, व बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में 587 पदों में से 161 पद खाली हैं।

विश्वविद्यालयों में स्वीकृत व रिक्त पद
विश्वविद्यालय शैक्षणिक पद (स्वीकृत/रिक्त)
बरकतउल्ला विवि 96/41
विक्रम विवि 161/84
देवी अहिल्या विवि 399/190
जीवाजी विवि 104/47
अटल बिहारी विवि 33/22
रानी दुर्गावती विवि 156/110
एपीएस विवि 75/50
महाराजा प्रताप सिंह विवि 6/6
पं. शंभूनाथ शुक्ल विवि 226/226