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मुकुंदपुर की तर्ज पर संगम नगरी प्रयागराज के पास ह्वाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी

- उत्तर प्रदेश के अधिकारियों का दल मुकुंदपुर के सफारी और चिडिय़ाघर का करेगा अध्यन- प्रयागराज और खीरी के पास चिन्हित किए गए हैं स्थान, सफेद बाघों के विस्तार के लिए अच्छी पहल

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रीवा

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Mrigendra Singh

Aug 11, 2023

rewa

mukundpur white tiger safari prayagraj up



रीवा। सफेद बाघों के संरक्षण और आकर्षण बढ़ाने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज के पास ह्वाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए प्रयागराज का प्रशासन स्थानों के चयन और प्रोजेक्ट की अन्य रूपरेखाओं को लेकर काम कर रहा है। कुछ समय पहले वहां के एक्सपर्ट अनाफीशियल तौर पर मुकुंदपुर ह्वाइट टाइगर सफारी और चिडिय़ाघर का भ्रमण भी कर चुके हैं।

प्रस्ताव तैयार होने के बाद शासन और सेंट्रल जू अथारिटी आफ इंडिया के पास जाएगा। इसके बाद आधिकारिक तौर पर मुकुंदपुर में सफेद बाघों के रखरखाव को लेकर टीमें आएंगी। प्रयागराज के अधिकारियों ने रीवा और सतना के वन विभाग के अधिकारियों से पहले संपर्क भी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करीब एक वर्ष से अधिक समय से ह्वाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी में है। इसके लिए प्रयागराज के पास यमुनापार के क्षेत्र में करीब ४५ हेक्टेयर स्थान चिन्हित किया गया है। इसके अलावा इटावा, मिर्जापुर और अन्य कई जिलों में भी सफेद बाघों के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। प्रयागराज इसलिए प्राथमिकता में रखा गया है क्योंकि यह रीवा से लगा हुआ क्षेत्र है।

रीवा सहित पूरा विंध्य अंचल सफेद बाघों का रहवास रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने रीवा के नजदीक सतना जिले के मुकुंदपुर में ह्वाइट टाइगर सफारी बनवाई है। यह न केवल भारत की बल्कि दुनिया की पहली और अब तक की इकलौती ह्वाइट टाइगर सफारी है। सफेद बाघों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं, इस कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पर्यटन को बढ़ाने के लिए अपने यहां ह्वाइट टाइगर सफारी बनाने का प्रयास शुरू किया है।


- वाइल्ड लाइफ का बड़ा सेंटर बनाने की तैयारी
प्रयागराज के प्रशासन ने जिस स्थान पर ह्वाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी की है उसके पास ही ब्लैक बक कंजर्वेशन रिजर्व चांद खमरिया भी है जिसे सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन के तहत चयन किया है। इसके पास ही कछुआ सेंचुरी भी बनाई जा रही है। इस कारण पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वाइल्ड लाइफ से जुड़े कई स्थल विकसित किए जा रहे हैं। मुकुंदपुर की तर्ज पर सफारी के साथ ही चिडिय़ाघर भी बनाने की तैयारी है।


- सफेद बाघों के नाम पर विंध्य की पहचान
विंध्य की पहचान सफेद बाघों के नाम पर भी होती है। 27 मई 1951 को पहली बार रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह ने सीधी के कुसमी जंगल में जिंदा सफेद शावक पकड़वाया था। जिसे रीवा के गोविंदगढ़ किले में रखकर पालन पोषण किया और उससे वंश वृद्धि भी कराई। मार्तंड सिंह ने दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों को सफेद बाघ बतौर गिफ्ट दिए थे। कहा जाता है कि दुनिया भर में सफेद बाघ जहां भी हैं वह रीवा से गए बाघों के ही वंशज हैं। सफेद बाघों के संरक्षण के लिए ही मुकुंदपुर में ह्वाइट टाइगर सफारी बनाई गई है।
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प्रयागराज के कुंभ में सफेद बाघों की होती है ब्रांडिंग
प्रयागराज में सफेद बाघों की ब्रांडिंग कई वर्षों से की जा रही है। यहां पर संगम में लगने वाले कुंभ हों या फिर अन्य अवसर उनमें सफेद बाघों के होर्डिंग प्रदर्शित किए जाते हैं। इसके अलावा प्रयागराज शहर में कई स्थानों पर सफेद बाघों के होर्डिंग लगाए गए हैं।
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ह्वाइट टाइगर वाइल्ड लाइफ और टूरिज्म की दृष्टि काफी महत्वपूर्ण हैं। मुकुंदपुर में पहली ह्वाइट टाइगर सफारी बनाई गई है, यह क्षेत्र ह्वाइट टाइगर का माना जाता है। देश के कई हिस्सों में इस तरह से प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। अनाफीशियल तौर पर मुकुंदपुर सफारी को देखने दूसरे राज्यों के एक्सपर्ट आते भी रहते हैं। प्रयागराज में सफारी के लिए प्रयास शुरू हुए हैं लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर कोई संपर्क नहीं हुआ है।
राजेश राय, मुख्य वन संरक्षक रीवा