
nagar nigam rewa, land corruption, skeem no 6
रीवा। स्कीम नंबर 6 में बसे रहवासियों ने वार्ड क्रमांक १६ की भाजपा पार्षद सविता द्विवेदी के साथ निगम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। पहले निगम आयुक्त से मिलकर कहा कि लंबे समय से वह बसे हुए हैं, उन्हें हटाने या फिर अन्य तरह की कार्रवाई नगर निगम नहीं करे। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि शुरुआती दौर में जब भूमि खरीदी थी उस समय भूूमि स्वामी द्वारा डायवर्सन तथा नामांतरण की कार्रवाई की गई थी। कई लोगों के मकानों का नक्शा नगर निगम ने ही पास कर रखा है। साथ ही निगम द्वारा सुविधाएं भी दी जाती रही हैं। टैक्स भी स्कीम में बसे लोग दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि जिस तरह से इनदिनों स्कीम नंबर छह की जांच चल रही है, उससे वहां पर बसे लोगों के मन में भय व्याप्त है। इसलिए निगम कोई ठोस आश्वासन दे ताकि लोग परेशान नहीं हों। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से पार्षद सविता द्विवेदी के साथ स्कीम नंबर छह संघर्ष समिति के अध्यक्ष संतोष मिश्रा, द्वारिका प्रसाद द्विवेदी, राजनारायण शुक्ला, अुर्जन सिंह, कैलाशधर द्विवेदी, रामकृष्ण तिवारी, उमेश शुक्ला, अनिरुद्ध चतुर्वेदी, कमलेश द्विवेदी सहित अन्य मौजूद रहे। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि वह रहवासियों के साथ किसी तरह की अन्यापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे। उनकी किसी का घर उजाडऩे की योजना नहीं है लेकिन करीब दो सौ करोड़ रुपए का नुकसान निगम को पहुंचा है, इस पर कार्रवाई करना भी जरूरी हो गया है। इसके बाद रहवासियों ने महापौर ममता गुप्ता से भी मुलाकात की, उन्होंने कहा कि वह रहवासियों के साथ पूरी तरह से खड़ी हैं। निगम आंतरिक रूप से जांच करा रहा है, अधिकारी-कर्मचारी जो जवाबदेह होंगे उनकी भूमिका तय की जाएगी। महापौर ने कहा कि आयुक्त की बात पर भरोसा रखें, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
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स्कीम नंबर छह
कलेक्टर ने नामांतरण के लिए तलब किए भूमि के रिकार्ड
रीवा। शहर के स्कीम नंबर छह में नगर निगम द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर कलेक्टर ने कार्रवाई शुरू करा दी है। तहसीलदार से स्कीम नंबर छह से जुड़ी भूमि के सभी रिकार्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा है। हुजूर तहसीलदार को लिखे पत्र में कहा गया है कि रीवा नगर सुधार न्यास बोर्ड द्वारा आवासीय एवं व्यवसायिक योजना क्रमांक छह के क्रियान्वयन के लिए बरा-समान में भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
अधिग्रहित भूमि का नामांतरण कराने के लिए नगर निगम आयुक्त ने पत्र भेजा था। छह मार्च १९९२ को राजपत्र में प्रकाशन के बाद सर्वभार से मुक्त होकर सुधार न्यास बोर्ड के निहित हो गई थी। यह भूमि ९१.३७ एकड़ है लेकिन नगर निगम के नाम पर अब तक नामांतरण नहीं हो सका है। पूर्व से कुछ लोगों ने इस भूमि का नामांतरण अपने नाम पर करा लिया है,इसलिए उनका निरस्त करते हुए नगर निगम के नाम पर भूमि का नामांतरण नगर निगम रीवा के नाम पर करने के लिए कहा गया है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद सात दिन के भीतर तहसीलदार से प्रतिवेदन भी मांगा गया है। बता दें कि नगर निगम के आधिपत्य में भूमि होने के बाद भी नामांतरण नहीं हुआ, इसका फायदा पूर्व भू-स्वामियों ने उठाया और अनुबंध के तहत बिक्री करते गए। इसमें से कई लोगों ने रजिस्ट्री और नामांतरण भी करा लिया। वहीं सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी मकान बना चुके हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है।
अब नगर निगम ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। एक उपयंत्री को निलंबित किया जा चुका है। दो और अधिकारियों को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया है। निगम की इस कार्रवाई के बाद स्कीम नंबर छह के क्षेत्र में बसे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। निगम आयुक्त ने सीमांकन कराने के लिए भी कलेक्टर को प्रस्ताव दे रखा है, इस पर भी जल्द ही कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
- अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्णय नहीं ले पाई एमआइसी
मेयर इन काउंसिल में चार दिन पहले निगम आयुक्त ने स्कीम नंबर छह में हुए अवैध निर्माण को रोकने के बजाय प्रोत्साहन देने के आरोप में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला, एसडीओ एचके त्रिपाठी को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया था। एमआइसी ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी थी कि मामले को जानने के लिए वह पूरी नस्ती का अध्ययन करेंगे। चार दिन से लगातार फाइलों को महापौर एवं एमआइसी के सदस्य देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई सदस्य कार्रवाई के पक्ष में हैं तो कुछ चाहते हैं कि निलंबन नहीं किया जाए, कोई दूसरा रास्ता निकाला जाए। निलंबन के लिए निगम आयुक्त द्वारा प्रस्ताव दिया गया है, इसके बावजूद चार दिन से कोई भी निर्णय लेने में हीलाहवाली करने के चलते सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं आयुक्त ने कहा है कि इतनी बड़ी अनियमितता में किसी तरह के राहत की बात नहीं की जा सकती, यदि एमआइसी कोई निर्णय नहीं ले पाएगी तो शासन को प्रस्ताव भेज देंगे।
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Published on:
06 Aug 2019 12:25 pm
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