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विंध्य की 15 हजार गर्भवती महिलाओं को नहीं मिला प्रधानमंत्री की मातृत्व योजना का सहारा

मातृत्व वंदना योजना के तहत सहायता के लिए 12649 गर्भवती महिलाओं के आवेदन लंबित हैं। इसी प्रकार करीब 2635 गर्भवती महिलाओं के आवेदन पर्याप्त दस्तावेज के अभाव में निरस्त कर दिए गए हैं ।

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रीवा

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Vedmani Dwivedi

Sep 27, 2018

रीवा. अस्पतालों में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें गर्भवती महिला के पास जांच कराने तक के लिए रुपए नहीं होते। शासकीय अस्पतालों के चिकित्सक जांच के लिए लिखते हैं तो गर्भवती महिला के परिजन अस्पताल से छुट्टी कराकर घर चले जाते हैं।

ज्यादातर मामलों में गर्भवती महिला की मौत हो जाती है। विंध्य के कई सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जिसकी वजह से निजी पैथोलॉजी में जाना पड़ता है। खासकर सीधी, सिंगरौली जैसे पिछड़े जिलों में।

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं जांच करा सकें। इसी उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत प्रसव से पहले पोषण आहार एवं दवा के लिए छह हजार रुपए की मदद दी जाती है। प्रधानमंत्री की यह एक महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इसके बावजूद स्थानीय अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं।

महिला बाल विकास कार्यालय रीवा की रिपोर्ट के मुताबिक मातृत्व वंदना योजना के तहत सहायता के लिए 12649 गर्भवती महिलाओं के आवेदन लंबित हैं। अभी उन्हें मदद नहीं मिल पाई है। इसी प्रकार करीब 2635 गर्भवती महिलाओं के आवेदन पर्याप्त दस्तावेज के अभाव में निरस्त कर दिए गए हैं।

रीवा, सीधी, सतना एवं सिंगरौली में अभी तक कुल 110501 महिलाओं ने आवेदन किया। जिसमें से महज 95217 गर्भवती महिलाओं को ही लाभ मिला।

संभाग में रीवा जिला मातृत्व वंदना योजना का लाभ देने में पीछे है। यहां कुल 33176 गर्भवती महिलाओं ने सहायता राशि के लिए आवेदन किया। जिसमें में 28790 को ही सहायता दी गई। 4386 आवेदन लंबित पड़े हुए हैं।

सतना में 39420 गर्भवती महिलाओं ने आवेदन किया। जिसमें 34834 को सहायता राशि मिली। यहां 3453 आवेदन लंबित हैं। 1133 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। इसी प्रकार सीधी में 17051 गर्भवती महिलाओं ने आवेदन किया। जिसमें 14170 को सहायता राशि दी गई। 2466 आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। 415 आवेदन निरस्त कर दिए गए।

सिंगरौली में 20854 आवेदन आए। जिसमें 17423 को सहायता मिली। 2883 लंबित पड़े हुए हैं। जिसमें 548 आवेदन निरस्त कर दिए गए।

शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ मिले इसकी जिम्मेदारी महिला बाल विकास के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की है। महिला बाल विकास के जिले से लेकर गांव में तैनात अमले को गर्भवती महिलाओं का पंजीयन करने के साथ ही उनके आवश्यक सभी दस्तावेज एकत्रित कर उन्हें इस योजना का लाभ दिलाना है।

इसे विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही ही कहेंगे जिसकी वजह से 12649 गर्भवती महिलाओं के आवेदन लंबित हैं। 2635 आवेदन दस्तावेज के अभाव में निरस्त कर दिए गए।