
Record of the most votes in the Lok Sabha, the record of Martand singh
रीवा। मोदी लहर पर सवार भाजपा ने बड़े अंतराल से इस बार लोकसभा का चुनाव जीता है। रीवा जिले में भाजपा का अब तक का यह सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन है। जितना वोट शेयर इस बार रहा, इसके पहले कभी नहीं मिला। इन सबके बावजूद अब तक सबसे अधिक वोट शेयर का रिकार्ड महाराज मार्तण्ड सिंह के नाम पर है। उन्होंने दो बार 70 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर एक तरफा जीत हासिल की। अभी उस वोट शेयर तक पहुंचने के लिए भाजपा या अन्य प्रत्याशियों के लिए किसी जादुई लहर का इंतजार करना होगा।
इस बार भाजपा ने पिछले चुनाव की तुलना में 11.32 प्रतिशत की रिकार्ड बढ़ोत्तरी के साथ 57.5 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है। वोटों की संख्या के हिसाब से भी अब तक का सबसे अधिक वोट 2019 के चुनाव में जनार्द मिश्रा को 5 लाख 83 हजार 745 वोट मिले हैं। कुल मतदाताओं की भी संख्या बढ़ी है, इसलिए इससे अधिक महत्वपूर्ण वोटों का प्रतिशत माना जा रहा है। जनता नेताओं को शिखर पर पहुंचाती है तो कई बार नाराजगी भी जाहिर करती है। जिन मार्तण्ड सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ऐतिहासिक जीत रीवा के लोगों ने दी, उन्हीं ने 1977 में बदलाव की लहर में यमुना प्रसाद शास्त्री के हाथों चुनाव भी हराया था।
- दो बार 70 फीसदी के पार गए मार्तण्ड सिंह
सन 1952 से अब तक के चुनाव परिणामों पर गौर करें तो सबसे अधिक वोट शेयर महाराजा मार्तण्ड सिंह के नाम पर ही दर्ज हैं। 1971 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और 70.3 प्रतिशत के मान से 2 लाख 57 हजार 136 वोट मिले। उस दौर के कांग्रेस के बड़े नेता शंभूनाथ शुक्ला को महज 16.1 प्रतिशत ही वोट हासिल हो पाए थे। इसके बाद 1980 में फिर निर्दलीय मैदान में उतरे सिंह ने अपना ही पुराना रिकार्ड तोड़ा और 71.5 प्रतिशत वोट हासिल किया। यह निर्दलीय प्रत्याशी की सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज किया गया।
- भाजपा को पहली बार 11 फीसदी मिले थे वोट
भाजपा का 1980 में गठन हुआ इसके बाद से संगठन का तेजी से विस्तार किया गया। इस साल के चुनाव संयुक्त प्रत्याशी यमुना प्रसाद शास्त्री को पार्टी ने समर्थन दिया था। पहला चुनाव रीवा में 1984 में पार्टी ने लड़ा। जिसमें शिवनाथ पटेल को 11 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद से पार्टी का प्रदर्शन बढ़ता गया और 1998 में अटल लहर में चंद्रमणि त्रिपाठी ने 36.1 प्रतिशत के साथ जीत हासिल की। इसके बाद पार्टी के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव होता रहा। अब 2019 के चुनाव में 57.5 फीसदी वोट पाकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
- सबसे कम वोट समरजीत के नाम
सबसे कम वोट पाने वाले प्रत्याशियों में निर्दलीय प्रत्याशी समरजीत का नाम दर्ज है। 1996 के लोकसभा चुनाव में ये प्रत्याशी थी। जिन्हें महज 125 वोट मिले जो 0.02 प्रतिशत था। यह चुनाव रीवा के लिए यादगार चुनाव रहा है। इस साल 76 प्रत्याशी मैदान में थे। जिसमें 50 प्रत्याशी एक हजार से कम वोट पाने वालों में थे।
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अब तक के प्रमुख वोट शेयर
1952- राजभान सिंह कांग्रेस-27.2
- कमलाकर सिंह, किसान मजदूर प्रजापार्टी-23.8
1957- शिवदत्त उपाध्याय, कांग्रेस- 29.6
-रामकुमार शास्त्री,रामराÓय पार्टी- 18.3
1962- शिवदत्त, कांग्रेस- 26.6
-अ'छेलाल सिंह,सोशलिस्ट- 20.0
1967- शंभूनाथ शुक्ला, कांग्रेस- 41.4
- एम सिंह, सम्युक्त सोशलिस्ट- 24.3
1971- महाराजा मार्तण्ड सिंह, निर्दलीय- 70.3
- शंभूनाथ शुक्ला, कांग्रेस- 16.1
1977- यमुना प्रसाद शास्त्री, भा.लोकदल- 46.0
-मार्तण्ड सिंह, निर्दलीय- 44.3
1980- मार्तण्ड सिंह, निर्दलीय- 71.5
- यमुना प्रसाद, जनता पार्टी- 13.6
1984- मार्तण्ड सिंह, कांग्रेस- 49.5
-यमुना प्रसाद, जनता पार्टी- 23.6
- शिवनाथ पटेल, भाजपा- 11.0
1989- यमुना प्रसाद, जनतादल- 40.1
- प्रवीणकुमारी, कांग्रेस- 26.6
- विमला सोधिया, बसपा- 25.6
1991- भीम सिंह पटेल, बसपा- 32.2
श्रीनिवास तिवारी, कांग्रेस- 29.0
- कौशलप्रसाद मिश्रा, भाजपा- 26.5
1996- बुद्धसेन पटेल, बसपा- 26.4
- प्रवीणकुमारी, भाजपा- 24.3
-सुंदरलाल तिवारी, कांग्रेस- 16.8
1998- चंद्रमणि त्रिपाठी, भाजपा- 36.1
- भीम सिंह, बसपा- 27.1
-मदन मोहन गुप्ता, कांग्रेस- 21.2
1999- सुंदरलाल तिवारी, कांग्रेस- 36.8
-रामलखन पटेल, बसपा- 28.2
- चंद्रमणि त्रिपाठी, 25.6
2004- चंद्रमणि त्रिपाठी, भाजपा- 36.8
-प्रदीप पटेल, बसपा- 29.7
- सुंदरलाल तिवारी, कांग्रेस- 23.1
2009- देवराज पटेल, बसपा- 28.5
- सुंदरलाल तिवारी, कांग्रेस- 27.8
- चंद्रमणि त्रिपाठी, भाजपा- 19.3
2014- जनार्दन मिश्रा, भाजपा- 46.2
- सुंदरलाल तिवारी, कांग्रेस- 25.9
-देवराज पटेल, बसपा- 21.2
2019- जनार्दन मिश्रा, भाजपा- 57.5
- सिद्धार्थ तिवारी, कांग्रेस- 26.8
- विकास पटेल, बसपा- 9.01
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नोट- प्रत्याशियों के मिले वोट प्रतिशत में है।
Published on:
25 May 2019 02:50 am
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