पत्रिका न्यू पंच: कलेक्टर ने आरसीएमएस पर दर्ज करने तय की डेडलाइन, पटवारियों को भी चेताया
रीवा. गरीबों को बांटे गए आवासीय पट्टों का हिसाब जिम्मेदारों के पास नहीं है। सरकार ने पट्टा वितरण का हिसाब मांगा तो तहसीलदारों को आबादी रजिस्टर की याद आयी। हैरान करने वाली बात है कि 35 साल पहले गरीबों को बांटे गए आवासीय पट्टे के बाद से लेकर अब तक करीब 15 कलेक्टर आए और गए, बावजूद आबादी का अभिलेख अपडेट नहीं हो सका है। मामले में कलेक्टर प्रीति मैथिल ने जिले के सभी तहसीलदारों से पट्टा वितरण का हिसाब मांगा है। साथ ही बांटे गए पट्टे को राजस्व केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) पर दर्ज करने का आदेश दिया है।
वर्ष 1985~85 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने शुरू की थी नई व्यवस्था
शासन के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 1985~85 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन ङ्क्षसह ने गरीबों को पट्टा वितरण की व्यवस्था शुरू की थी। तब से लेकर अब तक आबादी रजिस्टर पर भूखंडधारकों के रिकार्ड अपडेट नहीं किए गए। सप्ताहभर पूर्व आबादी में वितरण किए गए पट्टों की जानकारी आरसीएमस पर कलेक्टर ने चेक कराई तो पता चला कि रीवा जिले में मात्र छह पट्टा वितरण की जानकारी थी। कलेक्टर ने सभी तहसीलदारों से पट्टाधारकों की जानकारी आरसीएमएस पर दर्ज के निर्देश दिए हैं।
पटवारियों को ढूंढे नहीं मिल रहे अभिलेख
जिले में 462 पटवारी हल्के हैं। इसमें करीब 30 फीसदी से ज्यादा हल्का पटवारियों को अपने बस्ते में आबादी रजिस्टर का अभिलेख नहीं मिल रहा है। कई पटवारी आबादी के भूखंडधारकों के प्रमाण-पत्र के आधार पर अभिलेख तैयार करने में जुटे हैं।
कोताही बर्दास्त नहीं
कलेक्टर ने आबादी रजिस्टर के आधार पर गरीबों को अब तक बांटे गए आवासीय जमीन के पट्टे की जानकारी अपडेड करने के लिए एक सप्ताह की डेडलाइन तय की है। चेतावनी दी है कि समय-सीमा मेें आवासीय पट्टे का रिकार्ड ऑनलाइन दर्ज किया जाए। लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी जवाबदेही तय की जाएगी।
फैक्ट फाइल
तहसील आरएसीएम पर दर्ज पटï्टे की संख्या
नईगढ़ी 123
हनुमना 467
जवा 47
गुढ़ 184
त्योंथर 301
मऊगंज 256
सेमरिया 329
रायपुर कर्चुलियन 276
सिरमौर 684
हुजूर 414
मगनवां 292