
Rewa-Amarkantak route deteriorated, traffic affected
रीवा. बारिश के बाद सड़कों पर पैच लगाने के लिए निर्धारित सरकार की डेड लाइन समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद कई सड़कों पर पैच लगाना तो दूर गड्ढे तक नहीं भरे गए हैं। स्थिति यह है कि रीवा-अमरकंट 165 किलोमीटर मार्ग में गड्ढे, खाईं का आकर ले चुके हैं। जर्जर सड़क में रीवा से गोविंदगढ़ 20 किलोमीटर तक का सफर तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लग रहा है। वहीं धूल से लोगों का दम घुट रहा है। इस सड़क का मेंटीनेंस एमपीआरडीसी के पास है।
बीओटी योजना में बने रीवा-अमरकंटक मार्ग का दिसंबर 2017 में टोल समाप्त हो गया था। इसके बाद यह सड़क एमपीआरडीसी को हैंडओवर हो गई। लेकिन इसके बाद इस सड़क में दो साल से मेंटीनेंस नहीं हुआ है। इस दौरान पहले मुख्य सचिव ने रीवा-शहडोल संभाग की समीक्षा बैठक में सड़कों के गड्ढे भरने व पक्के पैंच बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के मंत्री ने भी अक्टूबर तक सभी सड़कों में पैंच लगाने का निर्देश दिए । बावजूद इसके इस सड़क में अभी तक एक भी पैंच नहीं लगाया गया है। यहां तक कि गड्ढे तक नहीं भरे गए है। जिससे आवागमन जोखिम भरा हो गया है।
मॉनीटरिंग करने नहीं आते अधिकारी
रीवा-अमरकंटक मार्ग की मॉनीटरिंग रीवा-शहडोल एमपीआरडीसी के अधिकारी करते है। इसके पीछे वजह है कि इस सड़क का 80 फीसदी हिस्सा शहडोल संभाग में है। लेकिन सड़क की मॉनीटरिंग नहीं किए जाने के परिणाम स्वरुप सड़क दिनोंदिन जर्जर हो रही है। 10 मीटर की सड़क में 8 मीटर तक टूट चुकी है। वहीं दो -दो फिट तक के गड्ढे हो गए हैं। छुहिया घाटी में तो स्थित और ज्यादा खराब है। यहां सड़क खराब होने के कारण आएदिन जाम लग जाता है।
टनल के पास सड़क फिर गड्ढे में तब्दील
रीवा-अमरकंटक मार्ग पर टोंस जल विद्युत परियोजना सिलपरा टनल के पास भी जानलेवा गड्ढे हो गए हंै। अक्सर सड़क में इन गड्ढों में पानी भरा होने के कारण वाहन चालक गड्ढे की गहराई नहीं समझ पाते है और गिर कर घायल हो रहे हंै। वहीं इन गड्ढों को बचाने के चक्कर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग में प्रस्तावित है सड़क
बताया जा रहा है इस स्टेट हाइवे को राष्ट्रीय राज्यमार्ग में शामिल कर फोरलेन बनाने का प्रस्ताव है। लेकिन अभी तक इस संबंध में केन्द्र सरकार से हरीझंडी नहीं मिला। सर्वे होने के बाद इसका डीपीआर एनएचएआई ने तैयार किया है लेकिन सड़क अभी तक एमपीआरडीसी से एनएचएआई को हैंडओवर नहीं हुई है। जिससे योजना अधर में है।
Published on:
11 Dec 2019 03:03 am
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