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खेती अब केवल भोजन नहीं रोजगार के अवसर भी देती है

locationरीवाPublished: May 29, 2021 12:00:43 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रीवा संभाग की स्थितियों की समीक्षा की

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रीवा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह ने रीवा तथा शहडोल संभाग में कृषि आदान की समीक्षा की। उन्होंने पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, खाद के अग्रिम उठाव, आगामी फसल के लिए खाद एवं बीज की उपलब्धता तथा उद्यानिकी फसलों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हुई है। लेकिन कृषि क्षेत्र पर इसका अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम असर हुआ है। कृषि तथा उससे जुड़े अन्य कार्यों से देश के हर व्यक्ति का पेट भरने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने तथा रोजगार का अवसर देने की पर्याप्त क्षमता है। आगामी फसल के लिए खाद और बीज की आपूर्ति की जा रही है। सभी कलेक्टर रैक प्वाइंट से ही खाद का उठाव कराकर उसे सीधे समितियों को उपलब्ध करायें। समितियां प्राप्त खाद का किसानों को वितरण शुरू कर दें जिससे भण्डारण की कठिनाई न हो।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि रीवा तथा शहडोल संभाग में फल एवं सब्जी उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। रीवा संभाग में गत दो वर्षों में फल तथा सब्जी उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। शहडोल संभाग में भी फल- सब्जी उत्पादन बढ़ाने के प्रयास करें। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की मनरेगा योजना के प्रावधानों के तहत फल उद्यान का विकास करायें। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होने के साथ फल-सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। दोनों संभागों में सिंचाई की उपलब्धता पर्याप्त है। किसानों को नकदी फसल के लिए प्रेरित करें। जिन क्षेत्रों में बाणसागर की नहरे हैं वहां परंपरागत खेती के स्थान पर मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है। संभाग के सभी तालाबों तथा बाणसागर जैसे बांधों में अनिवार्य रूप से मछली पालन कराएं। बड़े बांधों में हजारों मछली पालकों को रोजगार का अवसर मिल सकता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में संभागायुक्त अनिल सुचारी के साथ कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े, उप संचालक सतीश निगम, कृषि वैज्ञानिक आरके जोशी तथा कृषि, पशुपालन, सहकारिता, मछली पालन, उद्यानिकी विभागों के संभागीय एवं जिला अधिकारी उपस्थित रहे।

– खाद-बीज के नमूनों की जांच नियमित हो
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कमिश्नर तथा कलेक्टर हर सप्ताह कृषि आदान की समीक्षा करें। खाद, बीज, कीटनाशक आदि के लिए तत्काल प्रस्ताव प्रेषित करें। खाद, बीज तथा कीटनाशक के नमूनों की नियमित जांच कराकर
इनकी गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखें। स्वीकृत गौशालाओं का निर्माण पूरा कराकर उनमें गौवंश रखने के लिए उचित
व्यवस्था करें। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ किसानों के साथ-साथ पशु पालकों तथा मछली
पालकों को देने, मसाला उत्पादन बढ़ाने, फसल बीमा तथा पशु बीमा योजना के संबंध में निर्देश दिए। लॉकडाउन में
कृषि उत्पादों की बिक्री तथा कृषि आदान से जुड़ी दुकानों को खोलने की अनुमति दें। संभाग में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने तथा दुग्ध संघ द्वारा दूध संकलन बढ़ाने के लिये समितियों का गठन करें।

संभाग में जिलेवार बनाई रणनीति
वीडियो कांफ्रेंसिंग में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि संभाग में कृषि तथा उद्यानिकी के विकास के विशेष प्रयास किये जायेंगे। एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत भी जिलेवार कार्ययोजना बनाकर प्रयास किये जा रहे हैं। संभाग में फल, सब्जी उत्पादन तथा मछली पालन को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास किये जायेंगे। आगामी फसल के लिए समय पर सभी जिलों में खाद और बीज का भण्डारण कर दिया जायेगा। सभी जिलों में नियमित रूप से बैठक आयोजित कर कृषि आदान की समीक्षा की जायेगी। सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे।
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