एक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त कर रहे थे विचार...
रीवा। राजनीति में यमुना प्रसाद शास्त्री की भूमिका एक आदर्श नेता के रूप में रही। एक ओर जहां उनकी विश्वसनीयता उनका कद बढ़ती रही वहीं दूसरी उनकी संवेदनशीलता लोगों को उनसे परिवार सरीखे जोड़ती। उक्त विचार उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने व्यक्त की।
कहा, स्व. शास्त्री के जीवन से लें प्रेरणा
उद्योग मंत्री अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित स्व. यमुना प्रसाद शास्त्री भाषणमाला में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। ‘पारिवारिक मूल्यों की महत्ता’ विषय पर आयोजित भाषणमाला में उद्योग मंत्री ने कहा कि एक परिवार को किस तरह जोड़ा जाना चाहिए, यह स्व. शास्त्री के जीवन से सीखना चाहिए।
सांसद ने भी व्यक्त किया विचार
एमबीए विभाग के प्रो. वीसी सिन्हा सभागार में आयोजित भाषणमाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि हमारे देश में पारिवारिक मूल्य को सत्य और अहिंसा के रूप में देखा जाता है। भारत हमें भोग से योग तक ले जाता है। सांसद ने कहा कि इन मूल्यों का धीरे-धीरे हस हो रहा है। इनके पुनस्र्थापना की जरूरत है।
कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने की अध्यक्षता
भाषणमाला कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने कहा कि पारिवारिक मूल्य एक संयुक्त परिवार में ही नजर आते हैं। जैसे-जैसे परिवार को विघटन हो रहा है निस्वार्थ मूल्यों की कमी होती जा रही है। अंग्रेजी विभाग की प्रो. शुभा तिवारी के संयोजन में आयोजित भाषणमाला में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. दिनेश कुशवाह ने भी स्व. यमुना प्रसाद शास्त्री के जीवन वृतांत पर प्रकाश डाला।
शास्त्री जी के पुत्र भी कार्यक्रम में रहे उपस्थित
कार्यक्रम में यमुना प्रसाद के पुत्र देवेंद्र शास्त्री विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा कुलसचिव लाल साहब सिंह, प्रो. मृणाल श्रीवास्तव, प्रो. रहस्य मणि मिश्र, पूर्व कुलपति प्रो. आरएन सिंह, प्रो. विजय अग्रवाल, प्रो. अंजलि श्रीवास्तव, प्रो. अतुल पाण्डेय, प्रो. सुनील तिवारी सहित अन्य प्राध्यापक भाषणमाला में उपस्थित रहे।