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एमपी के इस जिले में पहली बार आरटीई के इस नियम पर होगा अमल

तय होगी मास्टर साहब की जिम्मेदारी, छात्रों की पढ़ाई में आएगा सुधार...

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रीवा

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Ajit Shukla

Feb 19, 2018

mp board 10th result 2019 hundred percent result

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रीवा। कक्षा में छात्रों को पढ़ाने के बजाय तफरी करने वाले शासकीय शालाओं के शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। पढ़ाने में लापरवाही करने का खामियाजा शिक्षकों को आर्थिक नुकसान के रूप में भुगतना पड़ेगा। दरअसल, शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

छात्रों की पढ़ाई का होगा विशेष आंकलन
शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत नई व्यवस्था नए सत्र से लागू कर दी जाएगी। नई व्यवस्था के तहत शालाओं में प्रत्येक कक्षाओं के छात्रों का रेंडम प्रक्रिया के तहत शैक्षणिक आंकलन किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों की ड्यूटी लगाई जाएगी। संबंधित अधिकारी कक्षा में किसी भी छात्र के जरिए उस शाला के शैक्षणिक गुणवत्ता का आंकलन करेंगे।

वेतनवृद्धि में होगी कटौती
शैक्षणिक गुणवत्ता के आंकलन में छात्रों का जो विषय कमजोर पाया जाता है। उसके शिक्षक को इसके लिए न केवल जिम्मेदार ठहराया जाएगा बल्कि संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई भी होगी। कार्रवाई के रूप में वेतन कटौती से लेकर वेतनवृद्धि रोकने तक का आर्थिक दंड दिया जाएगा। कार्रवाई से पहले जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एक बार क्रॉस वेरीफिकेशन भी किया जाएगा। हालांकि शैक्षणिक गुणवत्ता आंकलन की प्रक्रिया में खुद जिला शिक्षा अधिकारी भी शामिल होगी।

आरटीई में शामिल है प्रावधान
शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता के आंकलन की यह प्रक्रिया शिक्षा अधिकार अधिनियम में शामिल है लेकिन अभी तक जिले में इस प्रक्रिया पर अमल नहीं किया जा सका है। इससे शिक्षक सीधे तौर पर शैक्षणिक उन्नयन की जिम्मेदारी से बचते रहे हैं। लेकिन अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रभावित होने की स्थिति में प्रत्येक शिक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा।

वार्षिक मूल्यांकन ही है जरिया
अभी तक शासकीय शालाओं में छात्रों के शैक्षणिक गुणवत्ता का आंकलन वार्षिक सतत मूल्यांकन के जरिए होता रहा है। मूल्यांकन में जैसे-तैसे छात्रों को बेहतर ग्रेड दिलाकर शिक्षक जिम्मेदारी से इतिश्री करते रहे हैं लेकिन अब नई प्रक्रिया लापरवाही शिक्षकों के लिए मुश्किल खड़ा कर देने वाली होगी। क्योंकि नई प्रक्रिया में शैक्षणिक गुणवत्ता आंकलन का पुनर्परीक्षण भी किया जाएगा।

फैक्ट फाइल
3100 प्राथमिक शालाएं
700 माध्यमिक शालाएं
3.5 लाख छात्रसंख्या