
रीवा. सतना. समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी पूरे प्रदेश में लगभग शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। मसलन काफी संख्या ऐसे किसान सामने आए हैं जो एक ही समग्र आईडी से दूसरे जिलों में स्थित जमीनों के पंजीयन कराए हैं। इसमें से काफी संख्या में ऐसे भी पंजीयन है जो अन्य जिलों में सिकमी किसान के रूप में कराए गए हैं अर्थात दूसरे जिले में इन्होंने दूसरे की जमीन पर ठेके में खेती की है।
पूरे प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या 11562 सामने आई है। इसमें सबसे ज्यादा भोपाल के 1052 किसानों का अन्य जिलों में पंजीयन पाया गया है। इस तरह के पंजीयन ने शासन की पेशानी में बल डाल दिए हैं और उच्च प्राथमिकता के साथ इनका परीक्षण कराने के निर्देश जारी किये गये हैं। विगत वर्षों में समर्थन मूल्य खरीदी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने के बाद शासन ने इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरती है और कई बदलाव पंजीयन स्तर पर किये हैं।
इस बदलाव के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। समग्र आईडी के आधार पर पंजीयन का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि बड़े पैमाने पर ऐसे किसान हैं जिन्होंने एक ही समग्र आईडी पर दूसरे जिलों में भी पंजीयन करवा रखा है। इसमें काफी किसानों ने खुद की जमीन का पंजीयन कराया है तो कइयों ने सिकमी के आधार पर पंजीयन कराया है। आंकड़े बताते हैं कि 11562 किसानों ने एक ही समग्र आईडी पर अन्य जिलों में खुद की 29048 हैक्टेयर जमीन और 2000 हैक्टेयर सिकमी जमीन का पंजीयन कराया है। यह देखते ही शासन स्तर पर कान खड़े हो गए हैं। आनन फानन में सभी जिलों को इसकी जानकारी देते हुए ऐसे पंजीयनों की उच्च प्राथमिकता के साथ जांच के निर्देश दिए गये हैं।
आधार से मिसमेच वाले किसान
इस बार की खरीदी में किसानों से खाते नंबर नहीं लिये जा रहे हैं। बल्कि खसरे में बतौर भूमि स्वामी जिस किसान का नाम है उसी का आधार नंबर लिया गया है और उसी आधार नंबर से लिंक खाते में किसानों को खरीदी गई उपज का भुगतान किया जाना है। इसके पीछे किसानों के नाम पर व्यापारियों द्वारा की जाने वाली बिशी पर रोक लगाना था। इस बार चिन्हित 2076465 किसानों के पंजीयन की जांच करने पर पाया गया कि 127410 किसानों के खसरे उनके आधार या समग्र आईडी से मैच नहीं कर रहे हैं। इसकी भी जांच के निर्देश दिए गये हैं।
ये है टॉप ज्यादा और सबसे कम
एक ही समग्र आईडी से अन्य जिलों में पंजीयन कराने वाले किसानों के संख्यावार आंकड़े देखे तो सबसे ज्यादा पंजीयन वाले जिलों में भोपाल में 1052 किसान, रायसेन में 963, सीहोर 845, उज्जैन 807 और विदिशा में 602 किसान शामिल हैं। इसी तरह सबसे एक ही समग्र आईडी से अन्य जिलों में पंजीयन कराने वाले किसानों में अनूपपुर में 2 किसान, बालाघाट 8 किसान, बुरहानपुर 8, झाबुआ 10 और डिंडौरी के 10 किसान शामिल हैं।
Published on:
01 Apr 2022 08:47 pm
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