
अजीब-सी स्थिति: यहां दो सीएमएचओ, पसोपेश में कर्मचारी
सीधी. जिले में वर्तमान में दो-दो मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यरत हैं। कर्मचारी और आमजन पशोपेश में हैं कि आखिरकार सही में सीएमएचओ कौन है। किसके निर्देेश पर कार्य किया जाए, किसके आदेश मान्य होंगे। अब दोनों सीएमएचओ कर्मचारियों को अपने इशारे पर काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसके कारण कार्यालय में विवाद की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल, पूर्व में सीधी में डॉ.आरएल वर्मा को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया था। गत दिवस शासन ने सीएमएचओ के पद पर डॉ.बीएल मिश्रा और वर्मा को पुन: जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ कर दिया। राज्य शासन का यह आदेश डॉ.आरएल वर्मा को नागवार गुजरा और वे हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के द्वारा स्थगन आदेश जारी कर दिया गया, इस आदेश के तहत डॉ.आरएल वर्मा खुद को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होने का दावा कर रहे हैं, वहीं राज्य शासन के आदेश पर डॉ.बीएल मिश्रा खुद को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होने का दावा कर रहे हैं, जिस बात के लेकर दोनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
सीएमएचओ कक्ष में लगा ताला
हाईकोर्ट से स्थगन की जानकारी होने पर डॉ.बीएल मिश्रा सीएमएचओ के कक्ष में अपना निजी ताला लगाकर जिले से बाहर चले गए हैं, जिसके कारण डॉ.आरएल वर्मा लिपिक कक्ष में बैठने को मजबूर दिखे। अब सीएमएचओ के पद पर कौन कार्यरत रहेगा। इसका निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों को ही लेना पड़ेगा।
विवाद के कारण कार्य हो रहे प्रभावित: वित्तीय वर्ष समाप्त होने मे अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं, कई कार्यक्रमों के लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं, जिसे पूर्ण कराना मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी है, किंतु इस विवाद के कारण जिम्मेदार कुर्सी की लड़ाई में ही उलझे हुए हैं। इस विवाद को लेकर मातहत कर्मचारियों मे भी परेशानी बनी हुई है।
-मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर मैं कार्यरत था। हटाए जाने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जहां से मुझे स्थगन मिला है। मैं न्यायालय के आदेश से कार्यरत हूं, यदि कक्ष का ताला नहीं खोला जाता तो वरिष्ठ अधिकारियों को बात संज्ञान मे लाकर नियमानुसार कार्रवाई करूंगा।
डॉ.आरएल वर्मा
रिट की कॉपी देखने के बाद निर्णय ले पाऊंगा
मौखिक रूप से जानकारी मिली है कि पूर्व सीएमएचओ डॉ.आरएल वर्मा मो हाईकोर्ट से स्थगन मिला है, किंतु वह कॉपी देखने के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनके द्वारा हाईकोर्ट को क्या बताया गया है कि नवागत सीएमएचओ द्वारा प्रभार ग्रहण कर लिया गया है या फिर प्रभार ग्रहण न करने की जानकारी देकर स्थगन लिया गया है। रिट की कॉपी देखने के बाद ही मैं निर्णय ले पाऊंगा।
रविंद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर
Published on:
23 Feb 2020 01:16 am
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