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जातिगत जनगणना कराना और संविधान बचाना सबसे बड़ी चुनौती- कुर्मी महासभा

रीवा. सरदार पटेल संस्थान निराला नगर रीवा में भारतीय कुर्मी महासभा मध्य प्रदेश का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें बोलते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कुर्मी महासभा के अध्यक्ष डॉ. हरीश चंद्र पटेल ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना कराना और संविधान तथा आरक्षण बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। संविधान से ही ओबीसी, एसी-एसटी को मान-सम्मान और शिक्षा का अधिकार मिला है। जिसे खत्म करने की साजिश हो रही है।

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The biggest challenge is to save caste census and constitution

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सम्मेलन में डॉ. पटेल ने कुर्मी महासभा की जिले से लेकर बूथ स्तर तक कार्यकारिणी गठित करने पर जोर दिया। इसके अलावा सामाजिक विसंगतियों को दूर करने, पाखंड एवं अंधविश्वास खत्म कर जागरुकता लाने, जातिगत जनगणना कराए जाने, मृत्यु भोज बंद करने, संविधान और आरक्षण बचाने के लिए आंदोलन करने के साथ ही किसानों को उनकी फसल का मूल्य निर्धारण का अधिकार दिलाने एवं राजनीतिक क्षेत्र पर भी पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिए जाने पर विस्तार से चर्चा की गई।

समाज को मजबूत बनाने का संकल्प
उपस्थित लोगों ने एकजुट होकर समाज में राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से मजबूत बनाने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि जब तक सामाजिक एवं राजनीतिक सफलता प्राप्त नहीं होगी तब तक समाज की प्रगति सुचारू रूप से आगे नहीं बढ़ेगी। आने वाले समय में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुर्मी महासभा का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

सम्मेलन में ये रहे मौजूद
सम्मेलन की अध्यक्षता एलपी कुर्मवंशी ने की। विशिष्ट अतिथि राम किशोर पटेल, भारत सिंह पटेल, राजेंद्र सिंह पटेल, अजीत कुमार पटेल, प्रदेश के अध्यक्ष हीरालाल पटेल, सेवानिवृत्त रजिस्टर शेषमणि पटेल, सरदार पटेल संस्थान के अध्यक्ष इंजी. पुष्पेंद्र सिंह रहे। संचालन एड. राजेन्द्र पटेल ने किया। इस अवसर पर डॉ. उमेश पटेल, अनिल पटेल, मनोज कुमार सिंह, प्रदीप पटेल, संजीव पटेल, दिनेश डायमंड, अशोक पटेल, संत कुमार पटेल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।