खेत-खेत सर्वे में जिस तरह की लापरवाही पटवारियों द्वारा देखने को मिली है। ठीक उसी प्रकार की स्थिति सूची प्रकाशन को लेकर देखने को मिल रही है। शासन की ओर से जारी डेडलाइन के मुताबिक 20 अक्टूबर तक नुकसान की रिपोर्ट भेजा जाना है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक यह सूचना जारी नहीं कि जा सकी है कि सर्वे के आधार पर किसानों के फसल नुकसान से संबंधित गांववार सूची कब तक जारी की जा सकेगी। यानी फसल नुकसानी के आधार पर तैयार रिपोर्ट पर किसान कब दावा-आपत्ति कर सकेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। दरअसल, जिस तरह से सर्वे में लापरवाही देखने को मिली है उसके मद्देनजर बड़ी संख्या में आपत्ति आने की संभावना है।