यातायात सुबेदार दिलीप तिवारी इन दिनों यातायात थाना प्रभारी भी था। इसलिए वो शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचकर जांच के नाम पर वसूली करता रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी दिलीप तिवारी के साथ आरक्षक चालक अमित सिंह को भी गिरफ्तार किया है। दोनों ने रिश्वत के नाम पर 10 हजार 500 रुपए लिए हुए थे। बीते 24 मार्च को शहर के ढेकहा तिराहे में ट्रैफिक पुलिस ने जांच लगा रखी थी। इसी दौरान सीधी जिले के मझौली की ओर जा रहे पिकअप वाहन को पकड़ा गया। उस पर कूलर लादे गए थे। वाहन को ट्रैफिक थाने में खड़ा कराया गया था, लेकिन उसपर कोई चालानी कार्रवाई नहीं की गई थी। बल्कि रुपयों की मांग की जा रही थी।
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इस तरह लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा
आरोपियों द्वारा लगातार फोन करके परेशान किये जाने की वजह से वाहन स्वामी परेशान हो गया और लोकायुक्त एसपी को शिकायत कर दी। नवल किशोर रजक पिता गोमती प्रसाद रजक(35) निवासी आदर्श नगर बरा रीवा की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कार्रवाई की। जिसमें सुबेदार दिलीप तिवारी और चालक आरक्षक अमित सिंह बघेल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। दोनों आरोपियों को लोकायुक्त कार्यालय में रखा गया और देर रात तक कार्रवाई जारी रही।
15 हजार की कर रहे थे मांग
ट्रैफिक पुलिस द्वारा कूलर लोड वाहन पकड़ने के बाद उसे छोड़ने के बदले 15 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। शिकायत द्वारा लगातार बातचीत में अनुरोध किए जाने पर साढ़े चार हजार की राहत देने की बात की गई। साढ़े दस हजार रुपए में बात तय हुई और सुबेदार ने मार्तंड स्कूल तिराहे के पास रुपए लेकर बुलाया था। जहां पर सुबेदार ने चालाकी भी दिखाई और खुद रुपए लेने के बजाए चालक को देने के लिए कहा। बाद में वह रुपए दिलीप ने खुद ले लिया। जैसे ही रुपए लिए गए पीछे मौजूद लोकायुक्त की टीम ने दोनों को धर दबोचा। वहां से लेकर शिल्पी प्लाजा स्थित लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे और देर रात तक कार्रवाई की।
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खुद को सिंघम समझता था घूसखोर सूबेदार
रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया सुबेदार दिलीप तिवारी खुद को सिंघम फिल्म के नायक की तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करता था। उसी तरह मूछें रखता था और शहर में अपने काम के स्टाइल को भी उसी तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करता था। इतना ही नहीं खुद की छवि को सिंघम की तरह ब्रांडिंग करने के लिए सोशल मीडिया पर अपने कुछ करीबियों से पोस्ट भी करवाता था। इसके पहले भी कई बार लोगों ने शिकायतें की लेकिन विभागीय अधिकारियों ने नजरंदाज कर दिया, जिसकी वजह से उसके हौंसले बढ़ते चले गए।
जांच के नाम पर वाहन चालकों से वसूली का चल रहा खेल
शहर में वाहनों से जांच के नाम पर अवैध वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। कभी हेलमेट चेकिंग तो कभी कालीफिल्म एवं अन्य दस्तावेजों की जांच के नाम पर वाहनों को जब्त कर परेशान करने का कार्य चल रहा है। इतना ही नहीं सबसे अधिक परेशान करने का बहाना नशे में वाहन चलाने का आरोप लगाकर होता रहा है। आए दिन शहर के संभ्रांत नागरिकों की जांच करते हुए फोटो भी वायरल की जाती रही, और इसी की धमकी देकर अवैध वसूली भी होती रही है। ऐसी मामला इस बार भी हुआ। चालक को रोककर कहा गया कि वह नशे में वाहन चला रहा है। वाहन स्वामी ने शिकायत में कहा है कि उसका चालक कभी नशा नहीं करता। अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा था।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं पुलिस वाले
पुलिस वालों को रिश्वत लेते हुए पकड़वाने का यह मामला कोई पहला नहीं है। इसके पहले भी कई पुलिस वाले पकड़े जा चुके हैं। सालभर के भीतर ही गोविंदगढ़ में अलग-अलग कार्रवाई के दौरान दो थाना प्रभारियों सहित उनके तीन सहयोगियों, चोरहटा थाने के आरक्षक सहित दूसरे जिलों में करीब दर्जनभर की संख्या में पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई किए जाने की वजह से अब लोग पुलिसकर्मियों की शिकायत लेकर भी पहुंच रहे हैं।