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विन्ध्य के दो वरिष्ठ गीतकारों अर्चन एवं शिवाला का निधन

साहित्यकारों और बुद्धजीवियों ने व्यक्त किया गहन शोक

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lyricists Shivala and Archan

Two senior Vindhya lyricists Archan and Shivala passed away

रीवा. हिन्दी गीतों के यशस्वी रचनाकार शिवकुमार अर्चन और वरिष्ठ गीतकार शिवशंकर त्रिपाठी शिवाला का निधन हो गया है। इनके निधन पर साहित्यकारों एवं कवियों ने शोक व्यक्त किया है। 5 अक्टूबर 1946 को नरसिंहपुर में जन्मे शिवकुमार अर्चन ने रीवा को अपनी कर्मभूमि बनाया और अपने गीतों के माध्यम से रीवा का नाम देशभर में रोशन किया। वहीं शिवशंकर त्रिपाठी शिवाला 1 मार्च 1950 को त्योंथर के ग्राम सतपरा (चाकघाट) में जन्मे और दूरसंचार विभाग में अपनी सेवायें देते हुए साहित्य के क्षेत्र में भी अमिट छाप छोड़ी।
शिवकुमार अर्चन के गीत फूलों ने महकना छोड़ दिया, कांटों पर शबनम सोती है, जंगल की नागफनी हंसती, आंगन की तुलसी रोती है के गीतों के माध्यम से राष्ट्रीय पहचान पाई। वहीं शिवशंकर त्रिपाठी शिवाला की प्रकाशित कृतियों में मुट्ठी में अंगार और 'कहिन शिवाला' उल्लेखनीय है। मजदूर संघ से जुड़कर शिवाला जी जीवन पर्यन्त कर्मचारी हितों के लिए संघर्ष करते रहे। शिवाला जी को विन्ध्य का काव्य गौरव सम्मान, डॉ.सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव स्मृत सम्मान, महाकवि वाण सम्मान आदि सम्मान मिले। इनके निधन पर डॉ. दिनेश कुशवाह, डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. सेवाराम त्रिपाठी, डॉ. अनमोल बटरोही, डॉ. चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र, जगजीवनलाल तिवारी, जयराम शुक्ल, गिरिजा शंकर गिरीश, रामनरेश तिवारी निष्ठुर, राजकुमार शर्मा, भृगुनाथ पाण्डेय भ्रमर, हसमत रीवानी, रफीक रीवानी, नागेन्द्रमणि मिश्रा, सुभाष श्रीवास्तव, ओमप्रकाश मिश्रा, डॉ.रामसरोज द्विवेदी शांतिदूत, रामलखन केवट जलेश, डॉ.विवेक द्विवेदी, डॉ.लालजी गौतम, ओमप्रकाश मिश्रा, उमेश लखन, जाम रीवानी, सीधी से शिवशंकर मिश्रा सरस, रामगरीब विकल पाण्डेय, शहडोल से रामसखा नामदेव, डॉ. पूर्णेन्द्र सिंह, शिवपाल तिवारी, सतना से पद्मश्री बाबूलाल दाहिया, रविशंकर चतुर्वेदी, सतेन्द्र पाण्डेय सहित विंध्य के समस्त रचनाकारों ने शोक व्यक्त किया है।

शिवाला ने बघेली को देश के कोने-कोने में पहुंचाया
बघेली के प्रयात कवि शिवशंकर त्रिपाठी 'शिवाला' के आकस्मिक निधन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बघेली भाषा को देश के कोने कोने तक कविता के माध्यम से पहुंचाने वाले विन्ध्य के लाल शिवाला का निधन अत्यन्त ही पीड़ादायक है। उनके निधन से बघेली साहित्य कला को अपूर्णनीय क्षति हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं परिजनों को दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। वहीं सांसद जर्नादन मिश्रा व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने कवि शिवाला के निधन को अपूर्णीय क्षति बताया। उनके निधन पर नारायण मिश्रा, प्रबोध ब्यास, राजेन्द्र ताम्रकार, बीरेन्द्र गुप्ता, योगेन्द्र शुक्ला, राजेन्द्र मिश्रा आदि ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है।

बघेली लोक कलाकारों ने जताया गहरा दु:ख
बघेली लोक गायिका सुषमा शुक्ला ने कवि साहित्यकार शिवशंकर त्रिपाठी शिवाला के निधन पर गहरी शोक संवेदन व्यक्त करते हुए कहा कि कवि के साथ साथ वो सर्वहारा के हितैषी थे। आने बाले नये रचनाकारों के लिए हमेशा वो सहयोगी मार्गदर्शक थे। प्रयात गायक रघुवीर शरण श्रीवास्तव, बघेली लोकगायिका मणिमाला सिंह, रीती तिवारी, कवि निर्मल तिवारी, शिब्बू द्विवेदी, दिव्यानी पाण्डेय, हरिशरण श्रीवास्तव, महेश मिश्रा आदि बघेली कालाकारों ने शोक व्यक्त किया है।