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कांवड़ यात्रा के दौरान सड़क किनारे रोपे जाएंगे 2 लाख बीज, दिया जाएगा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

सागर. सावन माह के उपलक्ष्य में राम आस्था मिशन फाउंडेशन के 300 से अधिक सदस्य 27 जुलाई को कावड़ यात्रा निकालेंगे। पौधरोपण व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने कावडि़ए सड़क के दोनों तरफ 2 लाख पौधों के बीज रोपेंगे। खास बात यह है कि कावड़ यात्रा 110 किमी का सफर मात्र 9 घंटे में पूरा […]

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सागर

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Murari Soni

Jul 21, 2025

सागर. सावन माह के उपलक्ष्य में राम आस्था मिशन फाउंडेशन के 300 से अधिक सदस्य 27 जुलाई को कावड़ यात्रा निकालेंगे। पौधरोपण व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने कावडि़ए सड़क के दोनों तरफ 2 लाख पौधों के बीज रोपेंगे। खास बात यह है कि कावड़ यात्रा 110 किमी का सफर मात्र 9 घंटे में पूरा करेगी और बरमान से नर्मदा मैया का जल लाकर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित मृत्युंजय महादेव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाएगा। आयोजकों ने बताया कि यह देश में पहली बार ऐसी कांवड़ यात्रा होगी, जिसमें युवा भगवान को जल अर्पित करने के लिए दौड़ते हुए एक पात्र में नर्मदा जल लेकर आएंगे। यात्रा के दौरान कांवड़ियों द्वारा न तो प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल किया जाएगा और न ही पॉलिथीन का। खाने के लिए जो पैकेट तैयार होंगे उन्हें भी कागज के डिब्बों में पैक किया जाएगा। सदस्यों ने बीज की गोलियां बनाना शुरू कर दिया है।

जंगल बनाने किया जाता है कचरा का इस्तेमाल-

राम आस्था मिशन फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य बसंत जैन ने बताया कि कई वर्षों से मिशन पर्यावरण संरक्षण, नदियों के पुनर्जीवन का कार्य कर रहा है। देश में 918 शहरी वन बनाए जिसमें सब्जी मंडियों का हरा कचरा, सीवरेज, मृत पशुओं के शव, भूसा, लकड़ी का बुरादा, झांकी विसर्जन के अवशेष, खेतों की पराली का इस्तेमाल किया गया। इस कार्य में रिटायर्ड आइएफएस अफसर, सेना के रिटायर्ड कर्नल, डॉक्टर, शिक्षक, कलाकार सहयोग करते हैं।

 
जामुन, आम, आंवला के पौधे रोपे जाएंगे-
 

मिशन के सदस्य सोनू चुटीले ने बताया कि बीज रोपण के लिए क्रोबार उपकरण का इस्तेमाल करेंगे। कांवड़ यात्रा के दौरान स्थानीय प्रजाति के बीज जैसे इमली, बबूल, जामुन, आम, करोंदा, आंवला, नीम, पीपल आदि के बीच रोपे जाएंगे। बीज रोपण में प्रतिभागियों के अतिरिक्त दो और टीमें कार्य करेंगी। यात्रा में शिव गड़नायक पर्यावरण सुरक्षा एवं वेस्ट मैनेजमेंट समिति ग्वालियर, डेविस सर्जिको ग्वालियर, कामथेन ग्रुप इंदौर सहयोग कर रहे हैं।