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जलभराव न हो, इसलिए 52 करोड़ रुपए उड़ाए, समस्या जस की तस

शहर में ऐसे विकास कार्य हुए कि अब खोदने पड़ रहे, सड़कों के साथ मकान व दुकानों में भी भर रहा पानी सागर. शहर में जलभराव की समस्या दूर करने स्मार्ट सिटी ने 52 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। नगर निगम ने भी इस वर्ष बजट बैठक में 15 करोड़ का प्रावधान किया, लेकिन बारिश […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Jul 08, 2025

कर्मचारी नाली तोड़ते रहे

कर्मचारी नाली तोड़ते रहे

शहर में ऐसे विकास कार्य हुए कि अब खोदने पड़ रहे, सड़कों के साथ मकान व दुकानों में भी भर रहा पानी

सागर. शहर में जलभराव की समस्या दूर करने स्मार्ट सिटी ने 52 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। नगर निगम ने भी इस वर्ष बजट बैठक में 15 करोड़ का प्रावधान किया, लेकिन बारिश में लोगों की परेशानियां बरकरार हैं। शहर में जो विकास कार्य हुए, उनकी स्थिति यह है कि उन्हें खोदना पड़ रहा है। शहर के लोग अब ड्रेनेज सिस्टम के कार्यों पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि बारिश के दौरान शहर में जिन स्थानों पर वर्षों से समस्या है, वह आज भी बरकरार है। बीती रात हुई बारिश ने नगर निगम के सड़क-नाली निर्माण कार्यों की पोल खोलकर रख दी है। शहर में 18-20 प्रमुख स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखने मिली। कटरा बाजार, अप्सरा टॉकीज अंडर ब्रिज, राधा तिराहा तेज बारिश में जलमग्न हो गए और दुकानदारों-राहगीरों सहित हजारों लोग प्रभावित हुए। वहीं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने दावा किया था कि ड्रैनेज कार्यों से तहसीली, यादव कॉलोनी, वैशाली नगर व डिग्री कॉलेज के पास जलभराव की समस्या उन्होंने खत्म कर दी है, जबकि रात की बारिश में यहां भी सड़कें जलमग्न हो गईं।

दो उदाहरण जो बेतरतीब निर्माण की पुष्टि कर रहे-

1. गोपालगंज लाल स्कूल के पास नगर निगम ने बरसात के पूर्व नाली का निर्माण किया था, लेकिन नाली की ऊंचाई सड़क से ऊंची कर दी, बरसात हुई तो सड़क पर पानी जमा हो गया और आसपास की दुकानों में भर गया। शिकायतों के बाद सोमवार को कर्मचारी नाली तोड़ते रहे।

2. तीन मढ़िया के पास हाल ही में सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ है, यहां सड़क व नाली निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग फेल हो गई, तालाब का किनारा होने के बाद भी सड़क पानी में डूबी रही। बीती रात यहां एक फीट तक पानी जमा हो गया। यहां जलभराव का नया पॉइंट बन गया है।

17 किमी छोटे व साढ़े 11 किमी बड़े नालों का नेटवर्क बनाया

स्मार्ट सिटी के इंजीनियर दीपक गुप्ता ने बताया कि स्टाेर्म वाटर प्रोजेक्ट के तहत 17 किमी छोटे और साढ़े 11 किमी के 11 बड़े नालों का नेटवर्क बनाया है। शहर के राजीव नगर, वैशाली नगर, ऑफिसर कॉलोनी, यादव कॉलोनी, तहसीली में बड़े नाले बनाए और उनमें छोटी नालियां कनेक्ट की गईं। ड्रैनेज के कार्य को पूरा हुए एक साल बीत गया है।

घनघनाते रहे कंट्रोल रूम में फोन

नगर निगम के कंट्रोल रूम प्रभारी सईद उद्दीन कुरैशी ने बताया कि कंट्रोल रूम में बीती रात गोलाकुआं, पारस टॉकीज, तिली और बस स्टैंड से कॉल आए थे। सभी जगह नालियां व चैम्बर चोक हो गए थे, जबकि तिली स्थित कैला माता मंदिर के पास पुराने कुछ घरों में पानी भर गया था। गोपालगंज पार्क, अप्सरा टॉकीज के पास, कटरा बाजार, बैंक कॉलोनी, तिरूपतिपुरम कॉलोनी आदि क्षेत्रों में नगर निगम की 2 जेसीबी, पोकलेन मशीन और अन्य संसाधनों से पानी निकासी की व्यवस्था की गई है।

प्लान बना रहे हैं

-स्मार्ट सिटी ने ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट के तहत तहसीली, यादव कॉलोनी, बस स्टैंड, वैशाली नगर आदि क्षेत्रों में छोटे-बड़े नाले बनाए हैं, जहां कार्य हुआ, अब वहां पर पानी नहीं भरता। अभी अप्सरा टॉकीज व कटरा क्षेत्र में पानी भर रहा है, इसके लिए भी प्लानिंग के तहत कार्य किए जाएंगे।
- राजकुमार खत्री, निगमायुक्त।