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कागजों तक सीमित रह जाते हैं शोध कार्य, यूनिवर्सिटी विलेज की जरूरत

डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि के 72वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को स्वर्ण जयंति सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया।

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72th Foundation Day of Central University

72th Foundation Day of Central University

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि के 72वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को स्वर्ण जयंति सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें देश के जाने माने परमाणु वैज्ञानिक और पद्मश्री डॉ.अनिल काकोड़कर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
उन्होंने स्वर्ण जयंती सभागार में एजुकेशन इन इमर्जिंग इंडिया विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भारत गांवों का देश है। वर्तमान तकनीकी परिवेश में शिक्षा ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जिसकी राष्ट्र के विकास में निर्णायक भागीदारी हो सकती है। इसलिए आज देशहित को लक्ष्य बनाकर शोध की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालयों में शोधकार्य तो हो रहे हैं, लेकिन वह कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं, इसलिए हमें विश्वविद्यालयों के लिए एक यूनिवर्सिटी विलेज तैयार करना होगा, जहां देशहित में आधुनिक युग की रिसर्च की जा सके। इस दौरान उन्होंने पावर प्रजेंटेशन से फण्डामेंटल एवं एप्लाइड रिसर्च पर फोकस करते हुए बदलते तकनीकी और प्रौद्योगिकी के युग में दुनिया से तालमेल पर बल देकर व्यवहारिक शोध का आह्वान किया। डॉ. काकोड़कर ने कहा कि आधुनिक तकनीक अब हमारी राष्ट्रीय ताकत बन सकती है। उन्होंने विवि के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर का स्मरण करते हुए उन्हें एक क्रांतिकारी स्वप्नदृष्टा बताया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी तिवारी ने कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण देते हुए अकादमिक उपलब्धियों की चर्चा की।

डॉ. गौर के ग्रंथ की चर्चा
इस अवसर पर कुलाधिपति प्रो. बलवंत राव शांतिलाल जानी ने डॉ. गौर की हिंदू विधिशास्त्र एवं संपत्ति हस्तांतरण के संदर्भ में लिखित ग्रंथ की व्यापक चर्चा की। उन्होंने कहा डॉ. गौर ने भारतीय संस्कृति, संस्कार और समाज व्यवस्था का गहन अध्ययन किया था। उन्होंने समूचे मानव समाज को ज्ञानवान बनाने के लिए बुंदेलखंड के इस पिछड़े क्षेत्र में विवि की स्थापना कर शिक्षा की अलख जगाई। कार्यक्रम का संचालन शालिनी चोइथरानी ने किया, जबकि आभार प्रो. एच थॉमस ने व्यक्त किया। इस अवसर पर विवि के कुलसचिव, विभागाध्यक्ष सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, शोधार्थी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

आज भी व्याख्यान
बुधवार को सुबह 9 बजे संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर की समाधि पर कुलपति द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। इस मौके पर एडवांस मटेरियल्स एण्ड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एम्प्री) भोपाल के निदेशक डॉ. अवनीश के श्रीवास्तव व शिवाजी फाउंडेशन पुणे से आए प्रो. नामदेव राव जाधव भी मौजूद रहेंगे। पुष्पांजलि के बाद स्वर्ण जयंती सभागार में अतिथियों के व्याख्यान होंगे।