
सागर. क्षेत्र में रबी सीजन की तैयारियां चल रहीं हैं, किसान खाद-बीज की व्यवस्था में लगे हैं, लेकिन डीएपी की किल्लत बनी हुई है। शनिवार की शाम करीब 2700 मीट्रिक टन डीएपी की नई रैक लिधौरा स्टेशन पर लगी है, लेकिन अभी भी डिमांड अनुसार पूर्ति नहीं हो पाएगी। हालांकि यूरिया और अन्य खाद समितियों के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।अक्टूबर माह में जिले के किसानों के करीब 15 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, जबकि अब तक मात्र 3429 डीएपी ही वितरित किया गया है, शनिवार को आई नई रैक भी डिमांड पूरी करती नहीं दिख रही है। पूरे रबी सीजन में 30 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है, जबकि अब तक मात्र 17 प्रतिशत ही सागर पहुंचा है। वहीं एमओपी, एसएसपी नाम के खाद की क्षेत्र में डिमांड 0 है फिर भी गोदामों में करीब 9 हजार मीट्रिक टन रखा हुआ है। कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस सीजन जिले के 550 हेक्टेयर रकबा के लिए तमाम प्रकार के करीब 88 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता होगी।
पूरे रबी सीजन 88 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता
-यूरिया- 45000
डीएपी- 30000
एमओपी- 800
एनपीके- 8000
एसएसपी- 4000
जिले में रकबा (हजार हेक्टेयर में)-
गेहूं- 305
जौ- 1.10
चना- 130
मटर- 16
मसूर- 90
सरसों- 5.50
अलसी- 2
गन्ना- 0.45
-शनिवार की शाम ही डीएपी की नई रैक आई है, डिमांड भेजी गई है लेकिन हमारे लिए अभी डीएपी अलॉट नहीं हुआ है, जब अलॉट होगा तो फिर से रैक लगेगी। यूरिया व अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।राखी रघुवंशी, जिला विपणन अधिकारी।-खरीफ सीजन की फसलें कटने के बाद किसान रबी सीजन की तैयारी कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें खाद की आवश्यकता है। किसानों के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है, डीएपी की जरूरी कमी है लेकिन किसान डीएपी की जगह एनपीके जैसे खाद का उपयोग करें।बीएल मालवीय, संयुक्त संचालक कृषि।
Published on:
13 Oct 2024 09:36 pm
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