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बच्चों के साथ शिक्षकों का भी ड्रेस कोड बनाया, फ्लोर गेम किट से बच्चों को सिखा दी गिनती

जज्बे को सलाम… इन्होंने बदल दी सरकारी स्कूलों की तस्वीर सागर. कई बार असफलताओं व चुनौतियों से बच्चों की हिम्मत भले ही टूट जाए, लेकिन शिक्षक ऊर्जा का स्रोत है। शिक्षक ठान ले तो बच्चों को पहाड़ जैसी मुसीबतों से भी निकालकर स्वर्णिम रास्ते ले आते हैं। आज शिक्षक दिवस पर हम आपको ऐसे ही […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Sep 05, 2025

शासकीय स्कूल रिछोड़ा टपरा

शासकीय स्कूल रिछोड़ा टपरा

जज्बे को सलाम... इन्होंने बदल दी सरकारी स्कूलों की तस्वीर

सागर. कई बार असफलताओं व चुनौतियों से बच्चों की हिम्मत भले ही टूट जाए, लेकिन शिक्षक ऊर्जा का स्रोत है। शिक्षक ठान ले तो बच्चों को पहाड़ जैसी मुसीबतों से भी निकालकर स्वर्णिम रास्ते ले आते हैं। आज शिक्षक दिवस पर हम आपको ऐसे ही शिक्षकों को कहानी बता रहे हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में नए-नए नवाचार करके बच्चों के भविष्य को चमकाने में लगे हैं। कई सुविधाओं के बीच भी नए-नए नवाचार कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

स्कूल में ड्रेस कोड लागू, बाल कैबिनेट भी बनाई

जैसीनगर ब्लॉक के शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला करैया में प्राथमिक शिक्षक आशीष नामदेव लगातार नए नवाचार करके बच्चों को पढ़ाते हैं। खास बात यह है कि यहां बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए शिक्षकों का भी ड्रेस कोड लागू किया गया है। सभी शिक्षक रोजाना स्कूल में अपनी यूनिफार्म पहनकर आते हैं, ताकि बच्चे भी नियम से यूनिफार्म पहनकर आए। इसके साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बाल कैबिनेट का गठन किया है। बाल केबिनेट में लगातार बच्चों की सहभागिता बढ़ रही है। बच्चे स्वयं कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर करते हैं। इससे संचालन व नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ। एक नवीन नवाचार में गांव के ऐसे स्थानों का चयन किया गया जहां अधिकांश बच्चे अवकाश में खेलते हैं। ऐसे स्थान पर छोटा स्कूल संचालित कर खेल- खेल में पढऩे लिखने का माहौल तैयार कर बच्चों का शैक्षणिक स्तर सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

लूडो- सांप सीढ़ी खेलकर भी बच्चे सीख रहे गिनती

शासकीय प्राथमिक शाला रिछोड़ा टपरा के शिक्षक चंद्रहास श्रीवास्तव ने कोरोना काल में घर-घर पुस्तकालय की पहल की है। अब स्कूल में लगातार नए-नए नवाचार कर रहे हैं। चंद्रहास श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों को जोडऩा, घटना और गिनती आदि खेल-खेल में सिखाते हैं। बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए फ्लोर गेम किट है। इसमें सांप सीढ़ी, क्रिकेट शाला, लूडो, व्यापार व एडवेंचर टूर जैसे खेलों से पढ़ाई कराई जाती है। खेल-खेल में ही कठिन सवालों के जवाब बच्चे दे देते हैं। बारिश के मौसम में मिट्टी के गोले बना बनाकर बच्चों को दिए। इन गोलों के माध्यम से भी कई गणित के सवाल हल कराए गए। साथ ही बच्चे पर्यावरण से भी जुड़ रहे हैं। कुछ मिट्टी के गोलों में इमली व नीम आदि के बीज रखकर दिए गए। बच्चे उनको आसपास की बंजर जमीन में भी डाल रहे हैं।