Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ICU में मरीज ने जैसे ही सुलगाई बीड़ी, 30 मरीजों की जान पर बन आई, सन्न कर देगी शख्स की करतूत

MP News : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बड़ा हादसा होते होते टला। ICU में भर्ती लिवर के मरीज ने जैसे ही सुलगाई बीड़ी, 30 मरीजों की जान पर बन आई। मरीज की पत्नी बोली- बीड़ी के लिए दे रहे थे गाली, मैंने सुलगा दी..। फिर प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा पर उठे सवाल।

3 min read
Google source verification

सागर

image

Faiz Mubarak

Nov 21, 2024

MP News

MP News :मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की एमआइसीयू में मंगलवार देर रात प्रबंधन और मरीज की लापरवाही से 30 मरीजों की जान हलक में आ गई। एमआइसीयू में देवरी का नन्ने भाई अहिरवार लिवर की बीमारी के इलाज के लिए भर्ती हुआ था। वो ऑक्सीजन पर था। रात में उसे बीड़ी की ऐसी तलब लगी कि पत्नी को परेशान कर दिया। तंग आकर पत्नी ने भी आईसीयू में ही गंभीर बीमारों वाले क्षेत्र में पति को बीड़ी सुलगाकर दे दी।

खास बात ये रही कि आईसीयू में तैनात नर्सिंग स्टाफ या डॉक्टरों ने भी इसपर कोई ध्यान नहीं दिया। नन्ने ने कंबल के नीचे चेहरे से ऑक्सीजन मास्क हटाया और इससे पहले बीड़ी पी पाता, आग भभक उठी। उसका सीना और गर्दन बुरी तरह झुलस गया। कंबल शरीर पर चिपक गया, जिसके चलते अब उसकी हालत गंभीर है। आग देख एमआइसीयू में भर्ती 20 और पास ही आइसीयू में भर्ती 10 मरीजों की सांसें ऊपर-नीचे होने लगी।

यह भी पढ़ें- विधायक को मनाने पहुंचे प्रभारी मंत्री, साढ़े 3 घंटे की चर्चा के बाद भी खाली हाथ लौटे, जानें वजह

…वरना हो सकता था बड़ा हादसा

घटना के चलते मची अफरा तफरी से गंभीर बीमार मरीजों के बीच शुरु हुई चीख पुकार पर संज्ञान लेते हुए मौके पर अस्पताल कर्मचारी पहुंचे और जैसे-तैसे फायर एस्टींग्यूशर की मदद से आग बुझा दी, वरना जिले का सबसे बड़ा अस्पताल किसी अनहोनी की भेंट चढ़ सकता था।

शुक्र है…ऑक्सीजन प्वॉइंट से आगे नहीं बढ़ी आग

आग लगते ही वार्ड में हड़कंप मच गया। घटना के दौरान एमआइसीयू में 20 और आइसीयू में 10 मरीज थे। जो चल सकते थे, वे निकलकर भाग निकले। लेकिन, जो अधिक गंभीर थे, उन्हें परिजन लेकर बाहर भागे। गनीमत रही कि आग बेड के ऑक्सीजन प्वॉइंट तक ही सीमित रही और कर्मचारियों ने आग पर काबू पाकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया।

यह भी पढ़ें- भीषण हादसे में डॉक्टर की मौत, पीछे से आ घुसी तेज रफ्तार कार, Live Video आया सामने

सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। उनका कहना है कि बीड़ी-माचिस तो अस्पताल में लेकर जाना ही प्रतिबंधित है। अब इस हादसे के बाद अस्पताल परिसर में और भी सख्ती बरती जाएगी। फिलहाल, इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पत्नी बोली- 'बीड़ी के लिए गाली दे रहे थे, मैंने सुलगा दी..'

इधर, मरीज की पत्नी ने बताया कि, उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि, ऐसा करने से आग लग जाएगी, पति बार-बार बीड़ी मांग रहे थे। मना करने पर गालियां दे रहे थे। जेब में बीड़ी थी, मैंने सुलगा दी और आग लग गई।

पहले भी लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी हैं कई जिंदगियां

-1 अगस्त 2022: जबलपुर में न्यू लाइफ मल्टीस्पेश्यलिटी हॉस्पिटल में शॉर्ट-सर्किट से आग लगी। 10 की मौत हो गई।

-8 नवंबर 2021: भोपाल में कमला नेहरु बाल चिकित्सालय की एसएनसीयू में शॉर्ट-सर्किट से आग लगी। 4 बच्चों की मौत।

ICU के लिए गाइडलाइन

-आइसीयू में प्रवेश के पहले एक आइसोलेशन एरिया जरूरी है। यहां साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था होती है। चप्पल-जू्ते उतारकर संक्रमणरहित गाउन व मास्क में ही प्रवेश दिया जाता है।

-बीड़ी-सिगरेट, गुटखा, शराब ले जाने की इजाजत नहीं। इसकी जांच की व्यवस्था होती है।

-आइसीयू में परिजनों के बैठने या सोने की अनुमति नहीं। बाहर वेटिंग एरिया होता है।

-मरीज को इंटेसिव केयर देने नर्सिंग स्टेशन। हर 10 मरीजों पर 1 डॉक्टर, दो मरीज पर 1 नर्स।

-आइसीयू में मरीजों के दो बेड या दीवार के बीच कम से कम 47 इंच की दूरी जरूरी है।