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अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी: नदी में तैरता मिला था शव, साइकिल के विवाद पर की थी युवक की हत्या

जुलाई माह की घटना, पुलिस ने जांच के बाद किया खुलासा, डीएनए रिपोर्ट के बाद दफनाया हुआ शव निकलवाकर दिया जाएंगे परिजनों को

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Blind murder mystery solved: Body found floating in river, youth murdered over bicycle dispute

घटना स्थल पर आरोपी को लेकर पहुंची पुलिस

बीना. पुलिस ने नदी में बहते हुए मिले एक अज्ञात शव के मामले में खुलासा किया है। यह शव हत्या कर एक आरोपी ने नदी में फेंका था। पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा दी है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या युवक के दोस्त ने साइकिल के विवाद को लेकर की थी।
थाना प्रभारी अनूप यादव ने बताया कि 24 जुलाई को एक युवक ने सूचना दी थी कि नौगांव के पास एक व्यक्ति का शव गनेशा नदी में बहकर आया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बाहर निकालवाया, जिसका चेहरा खराब गया था, जिससे शिनाख्त नहीं हो सकी थी और शव दफना दिया था। इसके बाद ऊधम पिता हरिशंकर यादव (55) निवासी वीरसावरकर वार्ड ने बेटा देवेन्द्र यादव के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मृतक के कपड़ों से परिजनों ने युवक की शिनाख्त की थी और बताया था कि देवेन्द्र के लिए कमलेश पिता कैलाश सेन निवासी दौलतपुर नौकरी दिलाने के नाम पर लेकर गया था और उसके पीथमपुर में होने की बात कही थी, लेकिन तलाश करने पर कोई पता नहीं चला। कमलेश का नाम सामने आते ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी, जो मोबाइल बंद करके भाग गया था। पुलिस ने उसकी तलाश कर गिरफ्तार किया, तो उसने हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी को लेकर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी ली। कार्रवाई में थाना प्रभारी सहित एसआइ लखन राज, आरके जोरम, निशांत भगत, मनोज राय, एएसआइ शिखरचंद, प्रधान आरक्षक देवेन्द्र सिंह, गजेन्द्र मिश्रा, यूनिस खान, सुनील सिंह, आरक्षक युधिष्ठिर, दिनेश राय, जितेन्द्र चंद्रवंशी, प्रेमजीत, भूपेन्द्र, प्रदीप गोयल, गोपाल सिंह, आरक्षक चालक दीपसिंह भदौरिया की अहम भूमिका रही।

पूछताछ में आई हत्या की वजह सामने
पुलिस ने जब आरोपी युवक से पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना के कुछ माह पूर्व उसकी मुलाकात देवेन्द्र यादव से हुई थी, जिसने नौकरी लगवाने के लिए कहा था। इसके बाद जरूरत होने पर देवेन्द्र ने कमलेश को एक साइकिल भी दी थी। कुछ दिनों बाद दोनों फिर मिले और 12 जुलाई को घूमने के लिए विदिशा गए और लौटकर रात में आए थे, नौगांव स्थित एक मकान में रुके थे। जब देवेन्द्र ने कमलेश से अपनी साइकिल वापस मांगी, तो उसने साइकिल बेचने की बात कही, जिसपर दोनों के बीच बहस हो गई और डंडा से मारपीट कर मुंह दबाकर हत्या कर दी। इसेक बाद नौगांव स्थित तालाब में शव फेंक दिया था। 13 जुलाई को आरोपी ने कुछ लोगों को मामले में फंसाने की धमकी देकर शव गनेशा नदी में बहा दिया, जिसका शव 24 जुलाई को इंडस्ट्रियल एरिया नौगांव के पास बहता हुआ मिला था। इसके अलावा उसका मोबाइल भी तोडकऱ फेंक दिया था।

डाइटम टेस्ट से पता चला पानी में डूबने से नहीं हुई मौत
पुलिस ने पीएम के बाद डाइटम टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर यह तय हो गया था कि देवेन्द्र की मौत पानी में डूबने से नहीं हुई है। वहीं, पीएम में भी उसकी हड्डी टूटने के साक्ष्य मिले थे। मृतक का परिवार के लोगों के साथ डीएन टेस्ट कराया है और यह रिपोर्ट आने के बाद दफनाया गया शव बाहर निकालकर परिजनों को दिया जाएगा।